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    काम की खबरः 392 पिलर, 44 दरवाजे... राम मंदिर की भव्यता देख मोहित हो जाएंगे आप, रत्तीभर भी लोहे का नहीं हुआ इस्तेमाल

    अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसे लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। राम मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। राम मंदिर में कलाकृति से लेकर सनातन संस्कृति तक सब कुछ मौजूद है। भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर की प्रमुख विशेषताएं बताई है। आइए जानते हैं मंदिर की विशेषताएं...

    By Devshanker Chovdhary Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 18 Jan 2024 08:47 PM (IST)
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    अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। (फोटो- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसे लेकर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। राम मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। राम मंदिर में कलाकृति से लेकर सनातन संस्कृति तक सब कुछ मौजूद है। भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर की प्रमुख विशेषताएं बताई है। आइए जानते हैं मंदिर की विशेषताएं...

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    राम मंदिर की विशेषताएंः

    राम मंदिर का निर्माण पुराने नगर स्टाइल में किया गया है। इसकी पूर्व से लेकर पश्चिम तक की लंबाई 380 फीट है। वहीं, मंदिर की चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। राम मंदिर को तीन फ्लोर में बांटा गया है और सभी फ्लोर की 20 फीट है।

    मंदिर में 392 पिलर और 44 दरवाजे

    राम मंदिर की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाई जा सकती है कि मंदिर में 392 पिलर और 44 दरवाजे हैं। मंदिर के पहले फ्लोर को राम दरबार का नाम दिया गया है।

    राम मंदिर में पांच मंडप

    राम मंदिर में कुल पांच मंडप हैं। इन मंडपों को नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप नाम दिया गया है। मंदिर के पिलरों पर देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी गई हैं। मंदिर में पूर्व दिशा से प्रवेश की व्यवस्था है, जिसे सिंह द्वार नाम दिया गया है।

    मंदिर निर्माण में लोहे का नहीं हुआ इस्तेमाल

    परिसर के चारों दिशाओं में चार मंदिर हैं। इनमें सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और भगवान शिव के मंदिर शामिल हैं। मंदिर के नजदीक ही प्राचीन कालीन सीता कूप स्थित है। सबसे आश्चर्य वाली बात ये है कि मंदिर निर्माण में लोहे का उपयोग नहीं किया गया है।

    कई अन्य मंदिर प्रस्तावित

    राम मंदिर के अलावा यहां कई और मंदिर प्रस्तावित हैं। इनमें महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या के मंदिर बनाए जाने हैं।

    इसके साथ ही कुबेर टीला पर जटायु की मूर्ति स्थापना के साथ ही प्राचीन शिव मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

    नमी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था

    मंदिर को नमी से बचाने के लिए सतह से 21 फीट ऊंची प्लिंथ बनाई गई है, जिसको बनाने में ग्रेनाइड का इस्तेमाल किया गया है।

    मंदिर में आधुनिक सुविधा भी मौजूद

    मंदिर में प्राचीन सभ्यता से साथ आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं। राम मंदिर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पावर स्टेशन बनाया गया है।

    राम मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र बनाया गया है।

    इसके अलावा मंदिर में स्नानघर, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा मौजूद हैं।

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