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    डायबिटीज रोगियों के लिए अहम साबित हो सकता है एक्सिओम मिशन, जानिए स्पेस में किस चीज पर स्टडी करेंगे अंतरिक्ष यात्री

    By Jagran News NetworkEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Sat, 21 Jun 2025 07:35 PM (IST)

    यूएई के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बुर्जील होल्डिंग्स और एक्सिओम स्पेस के 'सुइट राइड' प्रयोग के तहत, एक्सिओम मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री अपने 14-दिवसीय अंतरिक्ष यात्रा के दौरान ग्लूकोज मॉनिटर पहनेंगे। अंतरिक्षयात्री माइक्रोग्रैविटी या न के बराबर गुरुत्वाकर्षण में ग्लूकोज के व्यवहार पर अध्ययन करेंगे।

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    माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज के व्यवहार पर अध्ययन करेंगे अंतरिक्ष यात्री (फोटो: रॉयटर्स)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) ले जाने वाला एक्सिओम-4 मिशन डायबिटीज रोगियों के लिए अंतरिक्ष यात्रा की उम्मीद की किरण है। एक्सिओम-4 के दौरान अंतरिक्षयात्री माइक्रोग्रैविटी या न के बराबर गुरुत्वाकर्षण में ग्लूकोज के व्यवहार पर अध्ययन करेंगे।

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    इस समय नेशनल एयरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) इंसुलिन पर निर्भर डायबिटीज रोगियों को अंतरिक्ष यात्रा की अनुमति नहीं देता है। गैर-इंसुलिन पर निर्भर डायबिटीज रोगियों के लिए कोई आधिकारिक मनाही नहीं है, लेकिन अभी तक डायबिटीज पीड़ित किसी अंतरिक्षयात्री ने अंतरिक्ष यात्रा नहीं की है।

    ग्लूकोज मॉनिटर पहनेंगे अंतरिक्ष यात्री

    यूएई के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बुर्जील होल्डिंग्स और एक्सिओम स्पेस के 'सुइट राइड' प्रयोग के तहत, एक्सिओम मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री अपने 14-दिवसीय अंतरिक्ष यात्रा के दौरान ग्लूकोज मॉनिटर पहनेंगे। माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज और इंसुलिन के व्यवहार का अध्ययन विज्ञानियों को अंतरिक्षयात्रियों और उन रोगियों के लिए पहनने योग्य तकनीकों को विकसित करने में मदद करेगा, जो लकवा जैसी बीमारियों के कारण बिस्तर पर पड़े रहने को मजबूर हैं।

    बुर्जील होल्डिंग्स, अबूधाबी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मोहम्मद फित्यान ने बताया, हम यह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान ब्लड शुगर के स्तर में कोई परिवर्तन या उतार-चढ़ाव होता है या नहीं। अंतरिक्षयात्री अपने साथ इंसुलिन पेन भी ले जाएंगे जो अलग-अलग तापमान में रखे होंगे ताकि यह जांचा जा सके कि अणु सूक्ष्मगुरुत्व स्थितियों पर किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं।

    टेली-हेल्थ सर्विस में मददगार होगा

    यह शोध दूरदराज के इलाकों में डायबिटीज रोगियों की देखभाल को बेहतर बनाने और टेली-हेल्थ सर्विस में मददगार हो सकता है। गौरतलब है कि एक्सिओम-4 मिशन के तहत गगनयात्री शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्षयात्रियों के साथ स्पेसएक्स के फाल्कन-9 राकेट से आईएसएस के सफर पर जाएंगे।

    शुभांशु के साथ जाने वाले अंतरिक्षयात्रियों में पोलैंड से स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की, हंगरी से टिबोर कापू और मिशन की कमांडर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन शामिल हैं।

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