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    Indian Railway: कोविड लॉकडाउन का प्रभाव, रेलवे की मालगाड़ी की गति में नहीं कोई सुधार; क्या रही यात्री ट्रेनों की एवरेज स्पीड?

    By AgencyEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Tue, 12 Dec 2023 07:31 PM (IST)

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिखित जवाब में शुक्रवार को राज्यसभा में डेटा साझा किया है।यात्री ट्रेनों की एवरेज स्पीड में मामूली वृद्धि हुई है लेकिन मालगाड़ियों की स्पीड में 2019-20 के पूर्व-कोविड समय से कोई सुधार नहीं हुआ है।रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कोविड के बाद जब परिचालन को क्रमबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया गया तो सभी ट्रेनों की एवरेज स्पीड में सुधार हुआ।

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    रेलवे की मालगाड़ी की गति में नहीं कोई सुधार (Image: Representative)

    पीटीआई, नई दिल्ली। यात्री ट्रेनों की एवरेज स्पीड में मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन मालगाड़ियों की स्पीड में 2019-20 के पूर्व-कोविड समय से कोई सुधार नहीं हुआ है। पिछले पांच वर्षों में विभिन्न प्रकार की यात्री और मालगाड़ियों द्वारा हासिल की गई एवरेज स्पीड पर सीपीआई (एम) सांसद वी सिवादासन ने सवाल उठाए थे।

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    इसी को देखते हिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लिखित जवाब में शुक्रवार को राज्यसभा में डेटा साझा किया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में मालगाड़ियों की एवरेज स्पीड 23.6 किमी/घंटा थी, वहीं 2023-24 (नवंबर तक) में भी इसमें कोई सुधार दर्ज नहीं किया गया है।

    सांसद वी सिवादासन ने पूछा सवाल

    सांसद वी सिवादासन ने सवाल किया कि 'क्या रेलवे के पास विभिन्न प्रकार की यात्री और मालगाड़ियों की एवरेज स्पीड के संबंध में कोई व्यवस्थित डेटा और विश्लेषण है? वहीं, ट्रेनों की औसत गति में गिरावट का कारण क्या है?

    आंकड़ों से पता चला है कि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों ने 2019-20 में 50.6 किमी प्रति घंटे से 2023-24 (नवंबर तक) में 51.1 किमी प्रति घंटे का मामूली सुधार दिखाया है। साधारण ट्रेनों ने भी 2019-20 में 33.5 किमी प्रति घंटे से 2023-24 में 35.1 तक थोड़ा सुधार दर्ज किया।

    क्या रही ट्रेनों की एवरेज स्पीड

    रेलवे ने वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक का कोई भी डेटा साझा नहीं किया है। रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कोविड के बाद जब परिचालन को क्रमबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया गया तो सभी ट्रेनों की एवरेज स्पीड में सुधार हुआ। चूंकि जून 2022 में पूरा परिचालन शुरू किया गया था, इसलिए इसने किसी भी तुलना के लिए 2021-22 और 2022-23 के डेटा की रिपोर्ट नहीं की।

    वरिष्ठ ट्रेन नियंत्रकों का क्या है कहना?

    वरिष्ठ ट्रेन नियंत्रकों और मालगाड़ी चालकों का कहना है कि सिग्नल, ट्रैक, ओएचई आदि का निरंतर रखरखाव, कुछ ऐसे कारण हैं जो ट्रेनों की गति को सीमित करते हैं। 4 अगस्त को रेलवे बोर्ड को लिखे एक पत्र में, ट्रेन संचालन से जुड़े एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी, प्रणय प्रभाकर ने कहा, 'स्टेशन मास्टर और सेक्शन कंट्रोलर का प्रारंभिक ग्रेड वेतन VIIth CPC (केंद्रीय वेतन आयोग) में समान कर दिया गया था। इसके अलावा स्टेशन मास्टर वर्ग में ट्रेन नियंत्रक पद के लिए आवेदन करने में अनिच्छा है।

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