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    कनाडा और अमेरिका के आरोपों पर ऑस्ट्रेलिया ने पकड़ा भारत का हाथ, उच्चायुक्त ने हिंदू मंदिरों पर हमलों को लेकर कही बड़ी बात

    भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा हम हिंदू मंदिरों में होने वाले हमलों को उसी तरह गंभीरता से लेते हैं जैसे हम अपने समाज में किसी भी धार्मिक स्थल पर हमले को लेते हैं। इन घटनाओं से निपटने में हमारे पास बहुत अनुभव है। हमारी पुलिस इंटेलिजेंस एजेंसियां और सरकार इस तरह के मुद्दों पर गहराई से ध्यान केंद्रित किए हुए है।

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 14 Dec 2023 01:43 AM (IST)
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    ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हमलों को हम गंभीरता से लेते हैं- फिलिप ग्रीन (फोटो, एक्स)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने बुधवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया अपने यहां हिंदू मंदिरों पर होने वाले हमलों को काफी गंभीरता से लेता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसी स्थितियों से निपटने का काफी अनुभव है।

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    फिलिप ग्रीन ने कहा, "हम हिंदू मंदिरों में होने वाले हमलों को उसी तरह गंभीरता से लेते हैं जैसे हम अपने समाज में किसी भी धार्मिक स्थल पर हमले को लेते हैं। इन घटनाओं से निपटने में हमारे पास बहुत अनुभव है। हमारी पुलिस, इंटेलिजेंस, एजेंसियां और सरकार इस तरह के मुद्दों पर गहराई से ध्यान केंद्रित किए हुए है।"

    ऑस्ट्रेलिया भारत का सम्मान करता है- फिलिप ग्रीन

    दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान फिलिप में अपने देश में हिंदू मंदिरों पर हमलों से संबंधित सवाल का जवाब दिया। फिलिप ग्रीन ने ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी समर्थकों को लेकर भी जवाब दिया।

    भारत-कनाडा विवाद और अमेरिकी सरकार द्वारा अमेरिका में सिख अलगाववादी नेता की हत्या में कथित तौर पर एक भारतीय नागरिक पर आरोप लगाए जाने पर फिलिप ग्रीन ने कहा, "इस मुद्दे पर भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया साझेदार के रूप में कम बल्कि मित्र और एक ऐसे देश के रूप में अधिक है जो भारत का सम्मान करता है। हमारे बीच एक परिपक्व रिश्ता है। हम बंद दरवाजों के पीछे इन मुद्दों पर संवेदनशीलता और सावधानी से चर्चा करते हैं।"

    भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध इतिहास के शिखर पर

    ऑस्ट्रेलियाई राजदूत ने कहा, "भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध हमारे इतिहास के शिखर पर है। मैं यहां दोनों देशों के रिश्ते को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए आया हूं। जब प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने मुझे भारत भेजा था तो उन्होंने मुझसे यही करने के लिए कहा था।"

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