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    Atul Subhash Case: दादी या मां... किसके साथ रहेगा अतुल सुभाष का बेटा? आ गया सुप्रीम फैसला

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 06:43 PM (IST)

    अतुल सुभाष का चार साल का बेटा अपनी मां निकिता सिंघानिया के साथ रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। अतुल सुभाष की मां ने अपने पोते की कस्टडी की मांग की थी जिसको कोर्ट ने इनकार कर दिया है। अतुल सुभाष ने दिसंबर में आत्महत्या कर ली थी और अपनी पत्नी और उसके परिवार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

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    किसके साथ रहेगा अतुल सुभाष का बेटा, SC ने किया फैसला। (फोटो- जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Atul Subhash Case: बेंगलुरु के टेक इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद उनका चार साल का बेटा किसके साथ रहेगा इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अतुल सुभाष का चार साल का बेटा अपनी मां (अतुल सुभाष से अलग रहीं उनकी पत्नी) के पास रहेगा। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया।

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    दरअसल, अतुल सुभाष की मौत के बाद उनकी मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल के अपने पोते की कस्टडी लेने की मांग की थी। वहीं, अतुल सुभाष से अलग रह रहीं उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने अपने बेटे की कस्टडी मांगी थी। ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था, जिसपर आज फैसला आया है।

    निकिता सिंघानिया के पास रहेगी बेटे की कस्टडी

    देश के शीर्ष न्यायालय ने फैसला देते हुए कहा कि 4 साल के बेटे की कस्टडी उसकी मां को मिलनी चाहिए। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने वीडियो लिंक के माध्यम से बच्चे से बात करने के बाद ये फैसला सुनाया। अतुल सुभाष की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी और मांग की थी कि पोते की कस्टडी उन्हें मिले।

    इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अधिक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। हालांकि, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने इस तरह के किसी भी अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक बंदी प्रत्यक्षीकरण (याचिका) है, हम बच्चे को देखना चाहते हैं। बच्चे को पेश करें।

    अदालत ने की बच्चे से बात

    इसके बाद करीब 30 मिनट के ब्रेक के बाद बच्चे से ऑनलाइन माध्यम से न्यायाधीशों ने बात की। इस दौरान कोर्ट की कार्यवाही को ऑफलाइन कर दिया गया था। इस दौरान न्यायाधीश ने बच्चे से ऑनलइन माध्यम से बात की। बच्चे की पहचान छिपाने के लिए कोर्ट की कार्यवाही को ऑफलाइन किया गया था।

    अतुल की मां ने मांगी थी कस्टडी

    गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में निकिता सिंघानिया ने बताया था कि उनका चार साल का बेटा हरियाणा के फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल का छात्र है और वह अपनी मां के साथ बेंगलुरु जाएगा। निकिता सिंघानिया के वकील ने कहा था कि हम बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे। हमने लड़के को स्कूल से निकाल लिया है। जमानत की शर्तों को पूरा करने के लिए मां को बेंगलुरु में होना चाहिए।

    वहीं, अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने इसी महीने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके चार साल के पोते की कस्टडी उन्हें दी जाए। इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। बता दें अतुल सुभाष ने दिसंबर में आत्महत्या कर ली थी और अपनी पत्नी और उसके परिवार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उन्होंने 24 पन्नों का डेथ नोट भी लिखा था।

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    Source: 

    Supreme Court Of India- Diary No. 59653 / 2024

    https://wdb.sci.gov.in/