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    '...कम से कम मेरे अंतिम संस्कार में हों शामिल', कलबुर्गी में मल्लिकार्जुन खरगे ने जनता से की भावुक अपील

    By Agency Edited By: Anurag Gupta
    Updated: Wed, 24 Apr 2024 07:05 PM (IST)

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को भावुक अपील करते हुए कलबुर्गी के लोगों से अपील की कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने उनके लिए काम किया है तो कम से कम उनके अंतिम संस्कार में शामिल हों। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति के लिए पैदा हुआ हूं। चाहे मैं चुनाव लड़ूं या नहीं पर मैं आखिरी सांस तक संविधान लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रयास करूंगा।

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    कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (फोटो: @INCIndia)

    पीटीआई, कलबुर्गी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को भावुक अपील करते हुए कलबुर्गी के लोगों से अपील की कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने उनके लिए काम किया है तो कम से कम उनके अंतिम संस्कार में शामिल हों।

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    राधाकृष्ण डोड्डामणि बनाम उमेश जाधव 

    कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के अफजलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए 81 वर्षीय खरगे ने कहा कि अगर उन्होंने (लोगों ने) कांग्रेस प्रत्याशी को वोट नहीं दिया तो उन्हें लगेगा कि कलबुर्गी में अब उनके लिए कोई जगह नहीं है। बता दें कि कांग्रेस ने खरगे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि को भाजपा के मौजूदा सांसद उमेश जाधव के खिलाफ कलबुर्गी से चुनावी मैदान में उतारा है।

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    मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कुछ कहा?

    खरगे ने कलबुर्गी की जनता से कहा कि अगर आप इस बार वोट देने से चूक गए तो मैं सोचूंगा कि मेरे लिए यहां कोई जगह नहीं है और मैं आपका दिल नहीं जीत सका। दरअसल, खरगे को यहां से 2009 और 2014 के संसदीय चुनाव में जीत मिली थी, जबकि 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा,

    चाहे आप हमें (कांग्रेस) वोट दें या न दें? लेकिन अगर आपको लगता है कि मैंने कलबुर्गी के लिए कुछ किया है तो कम से कम मेरे अंतिम संस्कार में आएं।

    कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मेरा जन्म भाजपा, आरएसएस की विचारधारा को हराने के लिए हुआ है, न कि उनके सामने समर्पण करने के लिए। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति के लिए पैदा हुआ हूं। चाहे मैं चुनाव लड़ूं या नहीं, पर मैं आखिरी सांस तक संविधान, लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रयास करूंगा। मैं राजनीति से संन्यास नहीं लूंगा।

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    उन्होंने आगे कहा कि पद से रिटायरमेंट होता है, लेकिन किसी को अपने सिद्धांतों से रिटायर नहीं होना चाहिए। इस दौरान, खरगे ने सिद्दरमैया को भी सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी।