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    'मोबाइल भी लग रहा भारी, लैपटॉप नहीं संभालना हुआ मुश्किल', शुभांशु ने मिशन के साझा किए अनुभव

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 02 Aug 2025 06:51 AM (IST)

    अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन से लौटने के कुछ हफ्तों बाद पृथ्वी के वातावरण के अनुसार खुद को ढालने के दौरान हुए अनुभव शुक्रवार को साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें मोबाइल फोन भी पकड़ने में भारी लगा और वह अपने लैपटॉप को नहीं संभाल सके। शुभांशु ने कहा 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में लौटा है।

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    एक्सिओम-4 मिशन से लौटे अंतरिक्षयात्री शुभांशु ने साझा किए अनुभव (फोटो- एक्स)

     पीटीआई, नई दिल्ली। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन से लौटने के कुछ हफ्तों बाद पृथ्वी के वातावरण के अनुसार खुद को ढालने के दौरान हुए अनुभव शुक्रवार को साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें मोबाइल फोन भी पकड़ने में भारी लगा और वह अपने लैपटॉप को नहीं संभाल सके।

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    41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में लौटा है- शुभांशु

    वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में, शुभांशु और एक्सिओम-4 मिशन के सहयोगियों ने अपने 20-दिन के अंतरिक्ष मिशन और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर 18-दिन के प्रवास के भी अनुभव साझा किए। शुभांशु ने कहा, 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में लौटा है। लेकिन इस बार यह कोई अकेली छलांग नहीं थी।

    इस बार हम न सिर्फ उड़ान भरने के लिए, बल्कि नेतृत्व करने के लिए भी तैयार हैं। 1984 में सोवियत रूसी मिशन के तहत राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में जाने के बाद शुभांशु अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय हैं। वह 15 जुलाई को पृथ्वी पर वापस लौटे हैं।

    फोन पकड़ा, मुझे लगा कि यह भारी है- शुभांशु

    शुभांशु ने ने कहा कि पूरे अंतरिक्ष प्रवास में वह क्षण सबसे यादगार था जब उन्होंने 28 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की।पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण के साथ पुन: समायोजन के अपने अनुभव को साझा करते हुए शुभांशु ने उस क्षण को याद किया जब उन्होंने तस्वीरें लेने के लिए फोन मांगा था और यह उनके हाथ में कितना भारी लग रहा था। शुभांशु ने कहा, जैसे ही मैंने फोन पकड़ा, मुझे लगा कि यह भारी है।

    एक और घटना बताते हुए उन्होंने कहा, मुझे अपने लैपटाप पर कुछ काम करना था। मैं अपने बिस्तर पर बैठा था और मैंने अपना लैपटॉप बंद करके उसे बिस्तर के किनारे रख दिया। मैंने सोचा कि लैपटॉप मेरे बगल में ही गिर जाएगा, इसलिए मैंने लैपटॉप गिरा दिया। शुक्र है कि फर्श पर कालीन बिछा हुआ था, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ।

    शुभांशु ने कहा कि 20 दिवसीय मिशन उनकी उम्मीदों से बढ़कर था और उन्होंने बहुत कुछ सीखा जो भारत को उसके गगनयान मिशन में मदद करेगा। शुभांशु ने कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उन्हें दिए गए सभी होमवर्क पूरे कर लिए हैं।

    गगनयान मिशन के लिए बेहद उपयोगी

    उन्होंने कहा, मैं वापस आकर अपने कार्यक्रम के साथ यह सब साझा करने के लिए उत्साहित हूं। मुझे विश्वास है कि यह सारा ज्ञान हमारे गगनयान मिशन के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित होगा। मैंने जो ज्ञान अर्जित किया है, वह मानव अंतरिक्ष मिशनों के इतिहास से जुड़ा है। शुभांशु के अगस्त के मध्य में भारत लौटने की उम्मीद है।