असम-मेघालय बॉर्डर पर हिंसक झड़प, कई लोग घायल; तनाव बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा बल तैनात
असम-मेघालय सीमा के पिलिंगकाटा में दो गांवों के बीच नेम प्लेट हटाने को लेकर हिंसक झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। महिलाओं के एक समूह द्वारा हमले के बाद स्थिति और बिगड़ गई। तनाव को रोकने के लिए सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है, जिसे सुलझाने के प्रयास जारी हैं।

असम-मेघालय सीमा पर हिंसक झड़प। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम-मेघालय बॉर्डर पर पिलिंगकाटा इलाके में रविवार को दो गांवों के लोगों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। यह झड़प एक नेम प्लेट हटाने को लेकर शुरू हुई, जिसे राज्य की सीमा पर विवादित इलाकों में से एक माना जाता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मेघालय की तरफ से महिलाओं के एक ग्रुप ने कथित तौर पर असम की कई महिलाओं पर हमला किया, जिससे मामला और बिगड़ गया।
दोनों तरफ से बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और तीखी बहस शुरू हो गई। इस झड़प में कई लोग घायल हुए, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं है।
तनाव बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा बल तैनात
तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए इलाके में और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबे इंटर-स्टेट बॉर्डर पर पिलिंगकाटा समेत 12 इलाकों में लंबे समय से विवाद चल रहा है।
असम-मेघालय सीमा विवाद
असम और मेघालय सरकारों ने मार्च 2022 में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में छह इलाकों में विवाद खत्म करने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया था।
पहले फेज में छह जगहों पर 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित इलाकों को बसाने के लिए लिया गया था, जिसमें से असम को 18.46 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.33 वर्ग किलोमीटर मिला था।
मेघालय की क्या है मांग?
मेघालय को 1972 में असम से अलग किया गया था और तब से इसने असम रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट, 1971 को चुनौती दी है, जिसे असम अपना बॉर्डर मानता है।
असम और मेघालय सरकारों ने स्वतंत्रता दिवस तक पांच विवादित इलाकों में बॉर्डर पिलर खड़े कर दिए थे, जो लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक पक्का कदम था।

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