असम के मंत्री ने केंद्र सरकार से छात्रावास पर अनुदान और असम में दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित करने का किया अनुरोध
हजारिका ने सीएसी से योजना के तहत छात्रावास के लिए मौजूदा 20 लाख रुपये से अधिक करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पूर्वोत्तर क्षेत्र को योजना के तहत छात्रावास के लिए अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। हजारिका ने आश्वासन दिया कि असम सरकार पीएम-अजय योजना के तहत अनुसूचित जाति समुदायों के जीवन में बदलाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डिजिटल टीम, नई दिल्ली। असम के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री पीयूष हजारिका ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) की केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) से इस योजना के तहत असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए हॉस्टल के लिए मिलने वाली राशि को बढ़ाने का आग्रह किया। मंत्री ने यह बात शनिवार को यहां डॉ अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में पीएम-अजय योजना की सीएसी की पहली बैठक को संबोधित करते हुए कही।
हजारिका ने सीएसी से योजना के तहत छात्रावास के लिए मौजूदा 20 लाख रुपये से अधिक करने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पूर्वोत्तर क्षेत्र को योजना के तहत छात्रावास के लिए अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। हजारिका ने आश्वासन दिया कि असम सरकार पीएम-अजय योजना के तहत अनुसूचित जाति समुदायों के जीवन में बदलाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में दिन भर चली बैठक में सीएसी के सदस्य, विभिन्न राज्यों के संबंधित विभागों के मंत्री और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
अनुसूचित जाति समुदायों के समग्र विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ कुमार ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को दूर करने में पीएम-अजय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। केंद्रित हस्तक्षेपों और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से, हम अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं। केंद्र प्रायोजित योजना 2021-22 में शुरू की गई पीएम-अजय में तीन चीजें शामिल हैं। पहली आदर्श ग्राम घटक, दूसरी राज्य/जिला स्तरीय परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता घटक और तीसरी छात्रावास घटक।
समग्र मार्गदर्शन और निगरानी देने के अलावा सीएसी विशेष रूप से व्यापक नीतिगत मुद्दों को संबोधित करेगी और योजना के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का आकलन करेगी और समय-समय पर पूरक कार्यान्वयन दिशानिर्देश जारी करेगी। एक्स पर मंत्री हजारिका ने लिखा कि आज डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-एजेएवाई) की केंद्रीय सलाहकार समिति (सीएसी) की पहली बैठक में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2021-22 में शुरू की गई पीएम-अजय का उद्देश्य शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और कौशल विकास में विभिन्न पहलों के माध्यम से पूरे भारत में अनुसूचित जाति समुदायों के लिए परिवर्तनकारी सामाजिक-आर्थिक उत्थान लाना है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि पीएम-अजय के तहत हर पहल हमारे लोगों के जीवन में परिवर्तन लाए। बैठक में विभिन्न राज्यों के संबंधित विभागों के माननीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मंत्री हजारिका ने केंद्रीय मंत्री डॉ कुमार से भी मुलाकात की और उनसे असम में भारत का पहला दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित करने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एक समर्पित संस्थान की स्थापना से शिक्षा, कौशल विकास और सशक्तिकरण के माध्यम से दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने में काफी मदद मिलेगी, जिससे राष्ट्र निर्माण और सामाजिक प्रगति में योगदान मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने राज्य मंत्री हजारिका की दलील को धैर्यपूर्वक सुना।
मंत्री हजारिका ने एक्स पर पोस्ट किया कि हमारी बैठक के दौरान मैंने माननीय मंत्री के माध्यम से हमारे दूरदर्शी नेता, माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से असम में भारत का पहला दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। असम सरकार की ओर से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में मैंने बताया कि हमारी सरकार का मानना है कि यह समर्पित संस्थान शिक्षा, कौशल विकास और सशक्तिकरण के माध्यम से दिव्यांगजनों को सशक्त बनाएगा, जिससे राष्ट्र निर्माण और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
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