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    Assam UCC: असम विधानसभा में ध्वनि मत से पारित हुआ यूसीसी, सीएम सरमा बोले- हम सामने के दरवाजे से लाएंगे बिल

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 26 Feb 2024 05:39 PM (IST)

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार सामने के दरवाजे से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लाएगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी पारंपरिक प्रथाओं और अनुष्ठानों से संबंधित नहीं है। चर्चा का जवाब देते हुए सीएम सरमा ने दावा किया कि सरकार केवल दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रथाओं पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है।

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    हम असम में सामने के दरवाजे से लाएंगे यूसीसी- सीएम सरमा (फोटो, एक्स)

    पीटीआई, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार "सामने के दरवाजे" से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लाएगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी पारंपरिक प्रथाओं और अनुष्ठानों से संबंधित नहीं है।

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    'असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024' पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम सरमा ने दावा किया कि सरकार केवल दुर्भावनापूर्ण इरादे वाले लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रथाओं पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है।

    यूसीसी चार बिंदुओं से संबंधित है- सीएम सरमा

    सीएम ने कहा, "यूसीसी अब उत्तराखंड में है। यूसीसी चार बिंदुओं से संबंधित है- कम उम्र में विवाह को रोकना, बहुविवाह पर बैन, विरासत कानून और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण करना। यूसीसी पारंपरिक अनुष्ठानों या प्रथाओं से संबंधित नहीं है।"

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    उत्तराखंड विधानसभा ने इसी साल यूसीसी पारित किया

    बता दें कि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य विधानसभा ने इसी साल 7 फरवरी को एक विधेयक पारित किया था जिसमें अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर सभी समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप पर समान नियम लागू करने का प्रावधान है।

    असम विधेयक पेश करने वाला तीसरा राज्य

    वहीं, मुख्यमंत्री सरमा ने पिछले महीने यानी जनवरी में कहा था कि उत्तराखंड और गुजरात के बाद असम समान नागरिक संहिता की मांग करने वाला विधेयक पेश करने वाला तीसरा राज्य होगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि यह आदिवासी समुदायों को कानून के दायरे से छूट देगा।

    विधेयक ध्वनि मत से विधानसभा में पारित

    मुख्यमंत्री सरमा ने विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हम समान नागरिक संहिता लाएंगे और हम इसे सामने के दरवाजे से लाएंगे।" इस विधेयक को ध्वनि मत से विधानसभा में पारित कर दिया गया।