वित्त मंत्री ने कहा- बिल मांगिए, न मिले तो जीएसटी हेल्पलाइन पर शिकायत कीजिए
जो भी व्यापारी बिल नहीं दे रहे हैं, खरीददार उनकी शिकायत हेल्पलाइन पर कर सकेंगे।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। स्वच्छ भारत की तर्ज पर स्वच्छ अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी को सफल बनाने के लिए सरकार ने आम लोगों से खरीददारी करते समय दुकानदार से बिल अवश्य लेने की अपील की है। सरकार का कहना है कि अगर कोई दुकानदार बिल न दे तो ग्राहक उसकी शिकायत जीएसटी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके कर सकते हैं। पंद्रह दिन के भीतर सरकार यह हेल्पलाइन शुरु कर देगी।
एक जुलाई को जीएसटी का एक साल पूरा होने की पूर्वसंध्या पर वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आम लोगों से यह अपील की। गोयल ने कहा कि अगर सभी ग्राहक सामान खरीदते वक्त दुकानदार या सेवाप्रदाता से बिल की मांग करते हैं तो इससे टैक्स की चोरी रुकेगी और सामान की कीमतें चार से पांच प्रतिशत तक कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यापारी बिल नहीं दे रहे हैं, खरीददार उनकी शिकायत हेल्पलाइन पर कर सकेंगे। सरकार जल्द ही तीन अंक का एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी।
-केंद्र सरकार सचिन तेंदुलकर सहित कई सेलेब्रिटी से संपर्क कर शुरु करेगी जागरुकता अभियान
-वित्त मंत्री ने की आम लोगों से अपील, कहा- बिल लेकर खरीददारी करें तो सस्ते हो जाएंगे सामान
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार कर चोरी बर्दाश्त नहीं करेगी। गोयल ने कहा कि सरकार क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर सहित कई सेलेब्रिटी से संपर्क कर जल्द ही एक व्यापक जागरुकता अभियान चलाने की दिशा में कदम उठाएगी ताकि लोग खरीददारी करते समय बिल जरूर मांगे। गोयल ने कहा कि अगर कोई दुकानदार किसी ग्राहक को बिल न देने के ऐवज में सामान की कीमत कम करने का प्रलोभन देता है तो ग्राहकों को सीधे ही हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकेंगे।
गोयल को जब बताया गया कि दिल्ली के कई बाजारों में व्यापारी बिल दिए बगैर ही सामान बेच रहे हैं तो उन्होंने जीएसटी के आला अधिकारियों को इस तरह के मामलों पर तत्काल कार्रवाई के आदेश भी दिए। गोयल ने कहा कि हर प्रत्येक व्यापारी अपनी बिक्री पर बिल देना शुरु कर देता है तो इससे गुणवत्ता और ग्राहक सेवा में सुधार आएगा। साथ ही सिस्टम के साथ कोई धोखा भी नहीं कर पाएगा।
गोयल ने कहा कि सरकार ग्राहकों पर टैक्स का बोझ कम करना चाहती है लेकिन राजस्व में वृद्धि जरूरी है। साथ ही जीएसटी की दरें कम करने के लिए राज्यों का सहयोग भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के संगठित होने के बाद सरकार के पास टैक्स की दरें घटाने की गुंजाइश होगी। गोयल ने आश्वस्त किया कि छोटे व्यापारियों को जीएसटी में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी व्यापारी को कोई दिक्कत हो रही है तो वे सीधे वित्त मंत्री को पत्र लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे कारोबारी हमारी अर्थव्यवस्था का अमूल्य अंग हैं। छोटे कारोबारियों की सुविधा के लिए सरकार कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना टर्नओवर की सीमा वर्तमान में एक करोड़ रुपये को बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने के लिए मानसून सत्र में जीएसटी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेगी।
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