वक्फ पर जेपीसी रिपोर्ट पेश होते ही संसद में मचा घमासान, सरकार ने विपक्ष के आरोपों पर क्या दिया जवाब?
वक्फ पर जेपीसी रिपोर्ट पेश होते ही संसद में मचा घमासान मच गया है। हंगामा मचते ही लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप किया और विपक्ष से कहा कि यदि कोई दिक्कत है तो आपत्ति दर्ज कराएं। विपक्षी दलों ने असहमतियों को रिपोर्ट से हटाने का आरोप लगाया। सरकार ने जवाब दिया किअसहमति का कोई नोट नहीं हटाया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट दोनों सदनों में पेश होते ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक संग्राम आरंभ हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट में उसके सदस्यों के असहमति नोट हटा दिए गए हैं, इसलिए इसे वापस लेकर फिर से समिति के समक्ष भेजना चाहिए।
सरकार ने दोनों सदन में खारिज किया विपक्ष का आरोप
- सरकार ने इस आरोप को दोनों सदनों में खारिज करते हुए कहा कि किसी असहमति को हटाया नहीं गया है और विपक्ष इस मामले में वोट बैंक की राजनीति कर रहा है।
- लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कुछ विपक्षी दलों का दावा है कि उनकी आपत्तियों और असहमति को जगह नहीं दी गई है।
- मैं अपनी पार्टी (भाजपा) की ओर से उनसे अनुरोध करता हूं कि आपकी जो भी आपत्तियां हैं, उन्हें आप संसदीय परंपराओं के अनुसार रिपोर्ट में शामिल करा सकते हैं। मेरी पार्टी को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
किरेन रिजिजू ने विपक्ष के दावे पर क्या कहा?
इसके पहले अल्पसंख्यक मामलों के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में पहले तो असहमतियों को हटाए जाने के विपक्षी नेताओं के दावे को गलत बताया। फिर बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि रिपोर्ट में केवल उन्हीं अंशों को हटाया गया है, जिनमें समिति पर आक्षेप लगाए गए हैं और ऐसा करने का अध्यक्ष को पूरा अधिकार है।
रिपोर्ट पहले राज्यसभा फिर लोकसभा में की गई पेश
जेपीसी की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने की है। रिपोर्ट पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में पेश की गई। राज्यसभा में जैसे ही भाजपा सदस्य एमवी कुलकर्णी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की, विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से खड़े होकर इसका विरोध करने लगे।
विपक्ष के हंगामे पर क्या बोले सभापति धनखड़?
इसी दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संदेश पढ़ने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने विरोध जारी रखा। धनखड़ ने कहा कि अपने अभिभाषण पर सदन से धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति की ओर से यह संदेश दिया जाता है कि उन्हें आभार प्रस्ताव मिल गया है, इसे पढ़ने के दौरान व्यवधान नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन विपक्षी सांसद नहीं माने।
केवल बहुमत वाले विचारों को रखना ठीक नहीं: खरगे
उनमें से तीन सदस्य-समीरुल इस्लाम, नदीमुल हक और मुहम्मद अब्दुल्ला वेल के करीब तक आ गए। सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका दिया। खरगे ने कहा कि रिपोर्ट में केवल बहुमत वाले विचारों को रखना ठीक नहीं है।
सत्तापक्ष के जवाब के बाद विपक्ष ने किया वाकआउट
नेता सदन जेपी नड्डा के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों रिजिजू, निर्मला सीतारमण और भूपेंद्र यादव ने इस आरोप को गुमराह करने वाला बताया। इसके बाद कांग्रेस, सपा, राजद, टीएमसी, आप, माकपा-भाकपा के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।
विपक्ष के आरोपों को रिजिजू ने बताया गलत
रिजिजू ने पत्रकारों से कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि विपक्ष की असहमतियों को शामिल नहीं किया गया। केवल वही हिस्से हटाए गए हैं, जो समिति के औचित्य पर अकारण आक्षेप लगाने वाले हैं। अगर सदस्यों को कोई आपत्ति है तो वे समिति के अध्यक्ष को इससे अवगत करा सकते हैं।
हंगामा वोट बैंक की राजनीति का उदाहरण: नड्डा
विपक्षी सदस्यों के वाकआउट कर जाने के बाद सभापति ने नेता सदन से कहा कि जिन सदस्यों ने वेल के करीब आकर संसदीय मर्यादा का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उनका आचरण दुखद है। इस पर नेता सदन नड्डा ने कहा कि उन्हें दिन भर के लिए निलंबित किया जाए। विपक्षी सांसद राष्ट्रहित के मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
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