'अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग', चीन में भारतीय महिला को परेशान करने पर केंद्र का बड़ा बयान
ब्रिटेन में 14 वर्षों से रह रही भारतीय मूल की एक महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर परेशान किया और उसका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश होने के कारण चीनी आव्रजन अधिकारियों ने उसे 18 घंटे हिरासत में रखा। वहीं, भारत का कहना है कि जिस आधार पर भारतीय मूल की महिला को चीन में रोका गया, वह काफी हास्यास्पद है।

चीन ने अरुणाचल की महिला को शंघाई में हिरासत में लिया, भारत के विरोध पर छोड़ा (फोटो- एक्स)
डिजिटलडेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन में 14 वर्षों से रह रही भारतीय मूल की एक महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर परेशान किया और उसका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश होने के कारण चीनी आव्रजन अधिकारियों ने उसे 18 घंटे हिरासत में रखा। वहीं, भारत का कहना है कि जिस आधार पर भारतीय मूल की महिला को चीन में रोका गया, वह काफी हास्यास्पद है।
भारत ने स्पष्ट शब्दों में कही ये बात
भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। इसके निवासियों को भारतीय पासपोर्ट रखने और उन्हें इसके साथ कहीं भी यात्रा करने का पूर्ण अधिकार है।
भारत ने यह भी याद दिलाया है कि चीनी अधिकारियों का यह कृत्य शिकागोकन्वेंशन और मान्ट्रियालकन्वेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन है।
यह पहला मौका नहीं है कि जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के भारतीय नागरिकों को इस तरह परेशान किया है। पूर्व में चीन सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाडि़यों को अंतरराष्ट्रीय आयोजन में हिस्सा लेने के लिए वीजा नहीं दिया था।
लंदन से जापान के लिए यात्रा कर रही थी महिला
अरुणाचल के वेस्ट केमेंग जिले के रूपा की मूल निवासी 35 वर्षीय प्रेमा वांगजोंम थोंगडोक 21 नवंबर को लंदन से जापान के लिए यात्रा कर रही थीं। उन्हें चीन के शहर शंघाई से कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़नी थी। इसके लिए उनके पास तीन घंटे का वक्त था। पीड़िता प्रेमा ने बताया कि शंघाई हवाई अड्डे पर उनका यातनाओं भरा अनुभव 18 घंटे चला।
इस दौरान चीनी अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को अमान्य घोषित करते हुए बार-बार कहा, 'अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है।' ट्रांजिट क्षेत्र से बाहर निकले बिना भी उन्हें वैध वीजा होने के बावजूद जापान जाने वाले विमान में चढ़ने से रोका गया, पासपोर्ट जब्त कर लिया गया, लगातार मानसिक उत्पीड़न और उपहास किया गया।
उन्हें खाना तक नहीं दिया गया, कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ। जबकि चीनी अधिकारियों ने जबरन चीन ईस्टर्न एयरलाइंस से ही दोबारा टिकट बुक कराने का दबाव डाला। यहां तक कहा गया कि उन्हें चीन के पासपोर्ट के लिए आवेदन करना चाहिए।

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