सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने आर्मी के 'फ्यूचर प्लान' की रूपरेखा की पेश, सुरक्षाबलों को मजबूत करने पर दिया जोर
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि दुनिया शीत युद्ध से निकलकर एक अनिश्चित व्यवस्था में प्रवेश कर चुकी है, जहाँ संघर्ष बढ़ रहे हैं। 'चाणक्य डिफेंस डायलॉग' में उन्होंने सेना को भविष्य के लिए तैयार करने और उसे मजबूत बनाने के उपायों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में 50 से अधिक संघर्ष चल रहे हैं, इसलिए सेना को बदलना होगा।

सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने आर्मी के 'फ्यूचर प्लान' की पेश की रूपरेखा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को कहा कि दुनिया शीत युद्ध की द्विध्रुवीय स्थिति से निकलकर कुछ समय के लिए एकध्रुवीय व्यवस्था में रही और अब एक अनिश्चित व्यवस्था में प्रवेश कर चुकी है।
उन्होंने यह रेखांकित किया कि लंबे समय से कायम शांति घट रही है और व्यापक संघर्ष बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही सेना प्रमुख ने बल को भविष्य के लिहाज से तैयार करने की रूपरेखा भी पेश की।सेना की तरफ से यहां आयोजित 'चाणक्य डिफेंस डायलाग' के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने सेना को मजबूत बनाने के उपायों का जिक्र किया।
ये आने वाले वर्षों में बल के बदलावों को आगे बढ़ाएंगे ताकि तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्क में सेना निर्णायक और भविष्य के लिए तैयार रह सके। उन्होंने कहा, 'हम तेजी से बहुध्रवीय हो रही दुनिया में रह रहे है, जहां बड़ी शक्तियां लगातार प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
बढ़ रहा है संघर्ष
दुनिया शीत युद्ध की द्विध्रुवीयता से निकलकर कुछ समय के लिए एकध्रुवीय व्यवस्था में रही और अब एक अनिश्चित और खंडित व्यवस्था में प्रवेश कर चुकी है। लंबे समय से कायम शांति घट रही है और व्यापक संघर्ष बढ़ रहे हैं।'
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया भर में 50 से अधिक चल रहे संघर्षों के साथ हम अशांत दौर में जी रहे हैं। वास्तव में यह एक कम आकलन हो सकता है। ऐसे हालात में हमारे लिए एक मौलिक प्रश्न उठता है कि भारतीय सेना को तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक परि²श्क में निर्णायक और तैयार रहने के लिए कैसे बदलना चाहिए।

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