ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या होगी सेना की रणनीति? आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताई हर बात
दिल्ली में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और पूर्व सेना प्रमुखों के बीच दो दिवसीय चिंतन संवाद शुरू हुआ। इस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें वायुसेना और नौसेना की भागीदारी रही। पूर्व सेना प्रमुखों को आधुनिक तकनीकों आधुनिकीकरण मानव संसाधन नीतियों और वयोवृद्धों के कल्याणकारी योजनाओं पर भी जानकारी दी गई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी तथा देश के पूर्व सेना प्रमुखों के बीच दो दिवसीय चिंतन संवाद मंगलवार को राजधानी में शुरू हुआ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ हुई ऑपरेशन सिंदूर की सैन्य कार्रवाई के पश्चात वर्तमान सैन्य नेतृत्व तथा पूर्व सैन्य प्रमुखों के बीच इस संवाद के अपने सामरिक-रणनीतिक महत्व हैं।
सेना के अनुसार यह सम्मेलन पूर्व सेना प्रमुखों के संस्थागत ज्ञान और अनुभव का लाभ उठाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। सैन्य प्रमुखों की इस चिंतन बैठक के पहले दिन सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने पूर्व सेना प्रमुखों को भारतीय सेना में नए दौर की चुनौतियों के अनुरूप हो रहे परिवर्तन से अवगत कराया।
साथ ही भविष्य की दिशा को आकार देने में पूर्व सेना प्रमुखों की निरंतर भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया।सेना के मुताबिक चिंतन बैठक के पहले दिन के कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण ऑपरेशन सिंदूर पर एक व्यापक ऑपरेशन ब्रीफिंग रही जिसमें भारतीय वायुसेना और नौसेना की संयुक्त भागीदारी रही थी।
सेना प्रमुखों ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तार से दी जानकारी
पूर्व सेना प्रमुखों को इस दौरान ऑपरेशन के क्रियान्वयन, रणनीतिक प्रभाव और संयुक्त कौशल मॉडल की विस्तार से जानकारी दी गई ताकि प्रासंगिक समझ प्रदान की जा सके। इसका उद्देश्य पूर्व सेना प्रमुखों के अनुभव आधारित अंतर्दृष्टि के इनपुट को हासिल करना भी रहा।
चिंतन बैठक में पूर्व सेना प्रमुखों को सैन्य ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से नई आधुनिक प्रौद्योगिकियों और आधुनिकीकरण की हो रही पहल की भी जानकारी दी गई। सैन्य प्रमुखों के चिंतन सम्मेलन में तकनीकी पहल: तकनीक अवशोषण की दिशा में किए जा रहे प्रयास और विकसित भारत @2047: विकसित भारत के लक्ष्यों में भारतीय सेना के योगदान जैसे विषयों पर भी चर्चा की जा रही है।
साथ ही मानव संसाधन नीतियों में सुधार और वयोवृद्धों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की पहल पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। पूर्व सेना प्रमुखों ने अपने अनुभव और अंर्तदृष्टि के साथ इन विषयों पर अपने विचार साझा कर क्षमता वृद्धि और संगठनात्मक सुधार की दिशा में भारतीय सेना के चल रहे प्रयासों में अपना योगदान दिया।
सैन्य प्रमुखों की यह चिंतन बातचीत भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार रखने के लिए नेतृत्व और सामूहिक प्रतिबद्धता की निरंतरता की पुष्टि भी करता है। इस सम्मेलन में पूर्व सेना प्रमुखों जनरल वीपी मलिक, जनरल एनसी विज, जनरल जेजे ¨सह, जनरल विक्रम ¨सह और जनरल मनोज पांडे आदि मौजूद थे।
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