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सेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- चीन एक मजबूत राष्ट्र लेकिन भारत भी कमजोर नहीं

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि मुझे यकीन है कि डीआरडीओ की दीर्घकालिक योजना के संयोजन से ऐसे सीबीआरएन खतरों के खिलाफ तकनीक के विकास में मदद मिलनी चाहिए।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 12 Jan 2018 12:31 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jan 2018 08:57 PM (IST)
सेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- चीन एक मजबूत राष्ट्र लेकिन भारत भी कमजोर नहीं
सेना प्रमुख का बड़ा बयान, कहा- चीन एक मजबूत राष्ट्र लेकिन भारत भी कमजोर नहीं

नई दिल्ली (जेएनएन)। 'रासायनिक, जैविक, रेटियोलॉजिकल और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खतरा आज वास्तविकता का रुप धारण कर रहा है।' सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज ये बातें कहीं। वे डीआरडीओ कार्यशाला और सीबीआरएन रक्षा प्रौद्योगिकियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीबीआरएन हथियारों का इस्तेमाल मानव जगत और व्यापार जगत को खतरे में डाल सकता है। जिसकी भरपाई करने में एक लंबा समय लग जाएगा। खतरनाक हथियारों से निपटने के लिए, रावत ने "सुरक्षा तकनीकों, उपकरणों और प्रणालियों को विकसित करने और सैनिकों को प्रशिक्षण प्रदान करने का सुझाव दिया।" इससे पहले भी सेना प्रमुख ने हथियारों के इस्तेमाल पर खुलकर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने हमेशा से हथियारों के इस्तेमाल में भी 'मेड इन इंडिया' पर जोर दिया है। 

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सेना प्रमुख ने स्वदेशी हथियारों पर दिया था जोर

पिछले दिनों नई दिल्ली में आयोजित इस सेमिनार में सेना प्रमुख ने स्वदेशी हथियारों के इस्तेमाल पर जोर दिया था। आर्मी टेक्नोलॉजी सेमिनार में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि हर क्षेत्र में हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की बहुत बड़ी आवश्यकता है। भविष्य में होने वाले युद्ध कठिन क्षेत्रों और परिस्थितियों में लड़े जाएंगे, ऐसे में हमें उनके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम हथियारों के आयात से आगे बढ़ें। बिपिन रावत ने कहा कि हमें हल्के वज़न के बुलेट प्रूफ हथियार और ईंधन सेल तकनीक की जरूरत है। हमें पूरी उम्मीद है कि अगर हमें इंडस्ट्री का सपोर्ट मिलता है तो हम इस राह में एक कदम और आगे बढ़ेंगे।

भारतीय फौज को और मजबूत बनाने की जरुरत

बता दें कि देश में लगातार 'मेड इन इंडिया' के तहत हथियारों को बनाने का काम चल रहा है। बीते कुछ वक्त में ऐसी कई डील हुई हैं, जो कि देश में ही हथियारों को बनाने पर काम करेंगी। भारतीय फौज दुनिया की सर्वोत्तम सेनाओं में से एक है। हाल ही में डीआरडीओ में बोलते हुए सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि मौजूदा समय में भारतीय फौज को और ज्यादा पेशेवर बनाने की जरूरत है। आधुनिकीकरण के रास्ते पर चल कर हम अपनी फौज को और सक्षम बना सकते हैं। जनरल बिपिन रावत ने कहा कि डीआरडीओ की तरफ से फौज को महत्वपूर्ण मदद मिल रही है। लेकिन अनुसंधान में और तेजी लाने की जरूरत है ताकि व्यवसायिक तौर पर स्वदेशी हथियार प्रणाली का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि रक्षा सौदों में विदेशी देशों पर निर्भरता कम करनी होगी।

भारतीय फौज की ताकत

भारतीय सेना में सैनिकों की संख्या करीब 13 लाख है, जबकि पाकिस्तानी सेना उससे करीब आधी यानि साढ़े छह लाख है। भारतीय सेना की ताकत उसके सैनिक तो हैं ही साथ ही उसके पास बड़ी आर्मर्ड-ब्रिगेड और मैकेनाइजाईड इंफेंट्री इस ब्रिगेड में है भारतीय सेना के मैन बैटल ( main battle tank) टैंक अर्जुन और भीष्म हैं।

पाकिस्तान के पास तीन हजार ( 3000) टैंक हैं। जबकि भारतीय सेना के पास करीब छह हजार टैंक हैं जिसमें चार हजार ( 4000) आर्मड कैरियर और बीएमपी मशीन हैं। दुश्मन की सीमा में अगर ये टैंक घुस जाएं तो इनकी गर्जना से ही दुश्मन भाग खड़े होते हैं।

भारतीय सेना के पास सात हजार ( 7000) तोप हैं। इन तोपों में वे बोफोर्स तोप भी शामिल हैं जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठिए और सैनिकों पर इतने गोले बरसाए कि दुश्मन को मैदान छोड़कर भागना पड़ा। 

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