Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'अरावली का 90% से ज्यादा हिस्सा संरक्षित....', केंद्र ने खनन को बढ़ावा देने के आरोप को किया खारिज

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 07:57 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने अरावली क्षेत्र में खनन को बढ़ावा देने के आरोपों को खारिज किया है। सरकार का कहना है कि अरावली का 90% से ज्यादा हिस्सा संरक्षित है और खन ...और पढ़ें

    Hero Image

    अरावली की पहाड़ियां। (सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को उन आरोपों को अनुचित एवं निराधार बताते हुए खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि बड़े पैमाने पर खनन की अनुमति देने के लिए अरावली पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव किया गया है। इसने क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का भी हवाला दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित एक रूपरेखा इस पर्वत श्रृंखला की बेहतर एवं मजबूत सुरक्षा का प्रविधान करता है और एक व्यापक प्रबंधन योजना को अंतिम रूप दिए जाने तक नए खनन पट्टों पर रोक लगाता है।

    अरावली क्षेत्र का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 'संरक्षित क्षेत्र' 

    पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सुंदरबन टाइगर रिजर्व में पत्रकारों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित परिभाषा से अरावली क्षेत्र का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ''संरक्षित क्षेत्र'' के अंतर्गत आ जाएगा।

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर सभी राज्यों में मानकीकृत किया गया

    ''100 मीटर'' के मानदंड पर विवाद के बीच जारी एक स्पष्टीकरण में सरकार ने कहा कि अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखला की परिभाषा को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर सभी राज्यों में मानकीकृत किया गया है ताकि अस्पष्टता को दूर किया जा सके और दुरुपयोग को रोका जा सके। विशेष रूप से उन प्रथाओं को रोका जा सके जिनके कारण पहाड़ी के नजदीकी क्षेत्रों में खनन जारी रह सकता था।

    पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अरावली में अवैध खनन से संबंधित लंबे समय से लंबित मामलों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2024 में एक समिति का गठन किया था, ताकि एक ''समान परिभाषा'' की सिफारिश की जा सके क्योंकि विभिन्न राज्य खनन की अनुमति देते समय असंगत मानदंडों का पालन कर रहे थे।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)