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    लोकसभा में उठा केरल में विदेश सचिव नियुक्ति का मामला, भाजपा ने कहा- यह असंवैधानिक और अधिकारों पर अतिक्रमण

    By Agency Edited By: Ajay Kumar
    Updated: Mon, 22 Jul 2024 04:19 PM (IST)

    राजस्थान के पाली से भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने केरल में विदेश प्रभारी की नियुक्ति का मुद्दा उठाया। उनका कहना है कि केरल सरकार का यह आदेश असंवैधानिक है। बता दें कि 15 जुलाई को केरल सरकार ने आईएएस अधिकारी के. वासुकी को बाह्य सहयोग से जुड़े मामला अतिरिक्त प्रभारी नियुक्त किया था। भाजपा सांसद का कहना है कि यह केंद्र की जिम्मेदारियों पर अतिक्रमण है।

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    केरल के सीएम पिनराई विजयन और पीपी चौधरी। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। केरल में विदेश प्रभारी की नियुक्ति पर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब भाजपा सांसद ने केरल सरकार पर निशाना साथा। उन्होंने कहा कि केरल सरकार द्वारा एक आईएएस अधिकारी को "विदेश सचिव" के रूप में नियुक्त करना असंवैधानिक है। यह केंद्र की जिम्मेदारियों पर अतिक्रमण है।

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    भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी के वासुकी को "विदेश सचिव" के रूप में नियुक्त करने वाला केरल सरकार का 15 जुलाई का आदेश खुलेआम केंद्र की जिम्मेदारी पर अतिक्रमण है।

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    क्या खुद को अलग राष्ट्र मान रही केरल सरकार?

    पीपी चौधरी ने पूछा कि क्या केरल सरकार खुद को एक अलग राष्ट्र मान रही है?'' केरल सरकार ने 15 जुलाई को श्रम एवं कौशल विभाग की सचिव के. वासुकी को बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था। चौधरी ने कहा कि बाह्य सहयोग का अर्थ यह है कि विभिन्न देशों और वहां स्थित भारतीय दूतावासों और मिशनों के साथ कार्य करना।

    केरल सरकार का आदेश असंवैधानिक

    पीपी चौधरी राजस्थान के पाली से भाजपा सांसद हैं। उन्होंने कहा कि कार्य आवंटन नियमों के अनुसार ये कार्य केवल विदेश मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार ही कर सकती है। केरल सरकार द्वारा इस तरह का आदेश जारी करना और एक आईएएस अधिकारी को विदेश सचिव नियुक्त करना असंवैधानिक और संघ सूची पर अतिक्रमण है।

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