स्वामी पूर्णचैतन्य की पुस्तक अंतर्मन की ओर हमें चिंता, तनाव और बेचैनी के स्रोत की कराती हैं पहचान
Antarman Ki Ore आज वह विश्व भर में आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में विख्यात हैं। यह पुस्तक इसलिए भी उपयोगी है क्योंकि लेखक ने इसमें पिछले दो दशकों में ...और पढ़ें

कन्हैया झा। संपूर्ण देश में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव पूरे उत्साह से मनाया जा रहा है। देश-समाज के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए आज हम सभी मिल-जुलकर अधिकांश मोर्चे पर प्रयासरत हैं। परंतु पिछले दो वर्षों के दौरान देश-दुनिया में कोविड महामारी समेत अन्य कारणों से हमारी जीवन शैली में बहुत बदलाव आया है, जिसका दुष्प्रभाव हमारे स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक संबंधों पर भी पड़ा है। मनुष्य के भीतर तनाव और अवसाद का स्तर बढ़ गया है। अत: हमें पहले से कहीं अधिक अपने अंदर झांकने की आवश्यकता है, ताकि हमें शक्ति, एकाग्रता, प्रसन्नता और जीवटता प्राप्त हो।
स्वामी पूर्णचैतन्य की यह पुस्तक इस संबंध में हमारी सहायता करती नजर आती है। इसके लेखक हमें चिंता, तनाव और बेचैनी के स्रोत को पहचान कराते हैं। मन के विचलन को शांत करने के लिए ध्यान का उपयोग कर वर्तमान में जीने, अपनी ऊर्जा को फिर से केंद्रित कर समस्याओं को दूर करने तथा निरंतर आगे बढऩे के लिए प्रेरित करते हैं। नीदरलैंड में जन्मे स्वामी पूर्णचैतन्य ने भारत आकर वैदिक ज्ञान व अनुष्ठान में विशेषज्ञता प्राप्त की।
आज वह विश्व भर में आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में विख्यात हैं। यह पुस्तक इसलिए भी उपयोगी है, क्योंकि लेखक ने इसमें पिछले दो दशकों में ध्यान-अभ्यास के माध्यम से जो सीखा और महसूस किया, उस अनुभव को पाठकों के साथ साझा करने का प्रयास किया है। पुस्तक का प्रत्येक अध्याय आपको अनेक प्रकार के महत्वपूर्ण व्यावहारिक सिद्धांतों को सिखाने में सक्षम है, जिसके सहयोग से आप अपनी जीवन यात्रा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ सकते हैं। वर्षों से आर्ट आफ लिविंग के कार्यक्रमों से जुड़े रहे लेखक ने विविध अध्यायों में छोटी-छोटी प्रासंगिक कहानियों का उल्लेख किया है, जिससे इस पुस्तक की रोचकता बनी रहती है।

पुस्तक : अंतर्मन की ओर : सांसारिक जीवन में ध्यान की आवश्यकता
लेखक : स्वामी पूर्णचैतन्य
प्रकाशक : प्रभात पेपरबैक्स
मूल्य : 300 रुपये

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