नौसेना को मिला स्वदेशी युद्धपोत 'अंजदीप', दुश्मन की उड़ गई नींद; क्या है इसकी खासियत?
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने नौसेना को पांचवां युद्धपोत 'अंजदीप' सौंपा, जो एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट श्रृंखल ...और पढ़ें

जीआरएसई द्वारा निर्मित 115वां और नौसेना को दिया गया 77वां युद्धपोत है
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को मजबूत करते हुए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने सोमवार को नौसेना को अपना पांचवां युद्धपोत 'अंजदीप' सौंप दिया। एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट श्रृंखला का यह तीसरा, जीआरएसई द्वारा निर्मित 115वां और नौसेना को दिया गया 77वां युद्धपोत है।
गोवा के तट से कुछ दूर और कर्नाटक के कारवार के पास स्थित अंजदीप द्वीप पर इसका नाम रखा गया है। पूर्वी नौसेना कमान के रियर एडमिरल गौतम मारवाहा (बीएसएम) ने इस युद्धपोत को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया। जीआरएसई ने वर्ष 2025 में रिकार्ड कायम करते हुए कुल पांच युद्धपोत नौसेना को समर्पित किए हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लगभग 77 मीटर लंबा यह जहाज वाटरजेट द्वारा संचालित सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक युद्धपोत है, और अत्याधुनिक हल्के टारपीडो, स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए पनडुब्बी रोधी राकेट और उथले पानी के सोनार से लैस है। 'अंजदीप' से पहले इसी वर्ष एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल फ्री गेट 'हिमगिरी', दो एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (अर्नला और अंद्रोथ) और सर्वे वेसल 'इक्षक' सौंपे जा चुके हैं।
किसी भी भारतीय शिपयार्ड द्वारा एक ही वर्ष में पांच युद्धपोत सौंपना ऐतिहासिक उपलब्धि है। विशेष बात यह है कि 'अंद्रोथ' की डिलीवरी के चार महीने के भीतर ही 'अंजदीप' तैयार कर नौसेना को सौंप दिया गया।
कई मामलों में खास है 'अंजदीप'
- तटीय सुरक्षा और पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए एक आधुनिक प्लेटफार्म है।
- 88 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग, जीआरएसई द्वारा निर्मित 30 मिमी 'नेवल सरफेस गन' भी शामिल है।
- कांबैट मैनेजमेंट सिस्टम के साथ ही हल्के टारपीडो और एंटी-सबमरीन राकेट से सुसज्जित
- तटीय जल में पूर्ण-स्तरीय सब
- सरफेस सर्विलांस करने और विमानों के साथ मिलकर समन्वित हमलों में सक्षम
- तीन वनटर जेट और मरीन डीजल इंजन के कारण यह अत्यधिक फुर्तीला है।
- अधिकतम गहराई केवल 2.7 मीटर है, जिससे यह उथले पानी और तटों के करीब जाकर कर सकता है शिकार
- जहाज को सात अधिकारियों सहित कुल 57 कर्मियों के रहने और संचालन के लिए डिजाइन किया गया है।

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