कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घरों में फंसे पालतू जानवरों के मसीहा बने पशु प्रेमी, पक्षियों, कुत्तों और कछुओं को बचाया
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के केस मिले हैं सबसे ज्यादा मुश्किल सामने आ रही है उनके घर में रहने वाले पालतु जानवरों को जिन्हें कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है।
शिरीष वक्तानी, मुंबई। देशभर में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए हर कोई जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद में जुटा है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना के केस मिले हैं, यहां कोरोना के मरीजों को तो अस्पताल में दाखिल कर उनका इलाज करवाया जा रहा है, वहीं उनके रिश्तेदारों को क्वारांटीन किया गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल सामने आ रही है उनके घर में रहने वाले पालतू जानवरों को, जिन्हें कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें परिवारों को अपने पालतू जानवरों को बिना किसी विकल्प के पीछे छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। हालांकि इसी बीच कुछ ऐसे पशु प्रेमी भी सामने आए, जिन्होंने कुछ ऐसी स्थिति में फंसे पक्षियों, कुत्तों और कछुओं को बचाया।
ऐसे ही एक पशु प्रेमी हैं विजय रंगारे, वे विप्रो में ऑपरेशन मैनेजर हैं। इन्होंने एक पोमेरेनियन कुत्ते को बचाया। हमारे सहयोगी अखबार मिड डे से बात करते हुए विजय रंगारे ने बताया कि नवी मुंबई के कामोथे में छह महीने की गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव मिली थी, उसे अस्पताल भेजा गया और उसके पूरे परिवार को आइसोलेशन सेंटर में दाखिल कराया गया।
स्थानीय लोगों से पता चला कि घर में एक कुत्ता अकेला है। बिल्डिंग सील थी और उसके अंदर जाने की अनुमति किसी को नहीं थी। मैंने कामोते पुलिस को सूचित किया और बीएमसी ने भी मुझे कुत्ते को बचाने में मदद की। "पुलिस की मौजूदगी में हमने घर का दरवाजा खोला और परिजनों को सूचित किया और कुत्ते को बाहर निकाला और कुत्ते को स्नान करवाया और बाद में कुत्ते को नवी मुंबई के कल्याण केंद्र भेज दिया। रंगारे ने आगे कहा कि उचित सुरक्षा उपकरणों से हम मुंबई और नवी मुंबई क्षेत्र में कहीं भी किसी भी पालतू जानवर की मदद कर सकते हैं। ये अकेला मामला नहीं, पशु प्रेमियों ने समान स्थिति में फंसे हुए पैराकीट, कछुए, खरगोश, कुत्तों और बिल्लियों को बचाया है। सभी मामलों में पड़ोसियों ने अपने मालिकों की अनुपस्थिति में पालतू जानवरों को खिलाने से इनकार कर दिया था, यहां तक कि उन्हें इस प्रक्रिया में संक्रमित होने का डर था।
तोते को बचाया
एक अन्य पशु प्रेमी सुनीश सुब्रमण्यन ने तीन दिन पहले परिवार के चार लोगों के पॉजिटिव पाए जाने पर घर के अंदर पिंजरे में बंद तोते को बचाया था। मिड-डे के साथ बात करते हुए सुनीश सुब्रमण्यन ने कहा, "तीन दिन पहले मुझे भांडुप में स्थानीय लोगों का फोन आया कि घर के अंदर एक तोता अकेला था क्योंकि परकोटे का मालिक परिवार कोरोनव पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में है। मैंने मौके पर जा भांडुप पुलिस और बीएमसी अधिकारियों की मदद ली गई और तोते को बचाया। अब हम तोते की देखभाल कर रहे हैं। एक बार अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद हम तोते को परिवार को सौंप देंगे।
2 खरगोश और 1 कछुए को बचाया गया
इसी तरह की घटना में दो खरगोशों और एक कछुए को मीरा रोड नया नगर इलाके से बचाया गया था। इन पालतू जानवरों को बचाने वाले सुनीश सुब्रमण्यन ने कहा, "परिवार के किसी एक सदस्य के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण पूरा परिवार आइसोलेशन सेंटर में है। दो खरगोशों और एक कछुए को बचाने के लिए हमने एमबीएमसी (मीरा भयंदर नगर निगम) और स्थानीय पुलिस की मदद ली। वर्तमान में हम अपने घर पर खरगोशों और कछुए की देखभाल कर रहे हैं और मैंने परिवार को भी सूचित किया है। पालतू जानवर मेरे स्थान पर सुरक्षित हैं। एक बार जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
अगर आप भी ऐसी ही किसी घटना के बारे में जानते हैं तो नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं
विजय रंगारे- 9930143495
सुनीश सुब्रमण्यन- 9833480388