नहीं थम रही जानवरों से क्रूरता, केरल में गर्भवती भैंस को मारा तो ओडिशा में मिला शिशु हाथी का शव
हर कोई पूछ रहा है कि बेजुबान जानवरों की क्या गलती है और कब जानवरों के खिलाफ क्रूरता के मामले रुकेंगे। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, एएनआइ। देश में पहले से ही कई जगहों पर बाढ़ के कारण जानवरों का जीवन मुश्किल हो चुका है और उसपर बेजुबान जानवर पर हमला करने वाले लोगों ने इंसानियत खो दी है। पिछले काफी समय से जानवरों पर हमले की खबर सामने आ रही है। अब एक नहीं बल्कि दो मामले प्रकाश में आए हैं। पहला मामला केरल से है, जहां भैंस को क्रूरता से मारने का मामला सामने आया है।
मलप्पुरम में केरल वन विभाग के अधिकारियों ने गर्भवती जंगली भैंस को मारने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया गया कि 10 अगस्त को एक आरोपी के घर से 25 किलो मीट जब्त किया गया। इसके बाद उसे साथियों की खोज शुरू हुई। बाकी आरोपियों को 18 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में जो रेंज वन अधिकारी ने बताया वो काफी दर्दनीए है। उन्होंने मामले को उजागर करते हुए कहा, 'आरोपियों द्वारा भैंस को बहुत क्रूरता से मारा गया।' अब जहां इसके बाद एक सवाल जो हर कोई पूछ रहा है कि बेजुबान जानवरों की क्या गलती है और कब जानवरों के खिलाफ क्रूरता के मामले रुकेंगे।
Kerala: State forest department arrested 5 men on August 18 for allegedly killing a pregnant wild buffalo in Malappuram.
Nilambur Forest Range Officer says, "About 25 kilograms of meat has been seized from the possession of one of the accused. The animal was killed brutally." pic.twitter.com/SqNjTUgNCq
— ANI (@ANI) August 21, 2020
ओडिशा में मिला शिशु हाथी का शव
सुंदरगढ़ के हेमगिरी वन क्षेत्र में एक तालाब में एक शिशु हाथी का शव मिला है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और वन अधिकारियों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
लापरवाही का आरोप
हाल ही में राज्यपशु और देश में सिर्फ मध्य प्रदेश में पाए जाने वाले दुर्लभ हार्ड ग्राउंड बारहसिंगा की देखरेख में लापरवाही सामने आई। तीन साल पहले कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बसाए गए 72 में से 26 बारहसिंगा गायब रहे, जिनकी मौत की आशंका जताई गई। इसे लेकर वन्यप्राणी विशेषज्ञ आरपी सिंह ने विस्तृत रिपोर्ट मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक को सौंपी है। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। वन्यप्राणी विशेषज्ञ ने रिपोर्ट में पार्क प्रबंधन पर बारहसिंगा की अनदेखी का आरोप लगाया है।
बाढ़ बनी मुसीबत
जानवरों की हालत असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में भी बहुत खराब है। बता दें कि वहां बाढ़ ने सब तहस नहस कर दिया। इस बाढ़ में 100 से ऊपर बेजुबान जानवर मारे गए। अब पार्क में काजीरंगा नेशनल पार्क एंड सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन एंड कंजर्वेशन (CWRC) की एक संयुक्त टीम जानवरों के बचाने के लिए अभियान चलाए हुए है। पिछले कुछ समय में वहां कई जानवरों को बचाया गया है।

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