3500 करोड़ के शराब घोटाले में चार्जशीट दाखिल, पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी पर भी रिश्वत लेने का आरोप
आंध्र प्रदेश पुलिस ने 3500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आरोप पत्र दायर किया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर रिश्वत लेने का आरोप है। कांग्रेस ने जगन को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है जबकि एसआईटी ने पूर्व आबकारी मंत्री के. नारायण स्वामी को तलब किया है। वाईएसआरसीपी के लोकसभा सदस्य पीवी मिधुन रेड्डी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

पीटीआई, अमरावती। आंध्र प्रदेश पुलिस ने 3,500 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत में आरोप पत्र दायर किया है। इसमें बताया गया है कि औसतन 50-60 करोड़ रुपये प्रति माह की कुल रिश्वत प्राप्त करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी शामिल हैं।
305 पन्नों के आरोप पत्र में जगन का नाम आरोपित के रूप में दर्ज नहीं किया गया है। बहरहाल, अदालत ने अभी तक आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आंध्र प्रदेश प्रभारी मणिक्कम टैगोर ने कहा है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में हुए इस घोटाले के असली मास्टरमाइंड पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी हैं।
पूर्व आबकारी मंत्री के. नारायण स्वामी तलब
एक्स पोस्ट पर उन्होंने आरोप लगाया कि जगन के शराब माफिया ने राज्य के एक करोड़ गरीब परिवारों को तबाह कर दिया। उन्होंने दावा किया कि करोड़ों की रिश्वत के बदले विश्वसनीय शराब ब्रांडों को घटिया एवं हानिकारक ब्रांडों से बदल दिया गया। उधर, घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पूर्व आबकारी मंत्री के. नारायण स्वामी को तलब किया है।
उन्हें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 179 के तहत नोटिस जारी कर सोमवार (21 जुलाई) सुबह 10 बजे एसआईटी कार्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है। दूसरी ओर, मामले में एसआइटी द्वारा शनिवार को गिरफ्तार वाईएसआरसीपी के लोकसभा सदस्य पीवी मिधुन रेड्डी को एक अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें रविवार को विजयवाड़ा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की अदालत में पेश किया गया था।
जगन मोहन रेड्डी पर गंभीर आरोप
- बहरहाल, आरोप पत्र में कहा गया है कि 'एकत्र की गई रकम अंतत: केसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी को सौंप दी गई। इसके बाद राजशेखर रेड्डी ने यह पैसा विजय साई रेड्डी, मिथुन रेड्डी और बालाजी को दिया, जिन्होंने इसे पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को हस्तांतरित कर दिया। औसतन हर महीने (2019-24 वाईएसआरसीपी शासन के दौरान) 50-60 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।'
- आरोपपत्र में यह भी कहा गया है कि एक गवाह ने भी इसकी पुष्टि की है। आरोप पत्र में कहा गया है कि इस घोटाले के 'मास्टरमाइंड और सह-साजिशकर्ता' राजशेखर रेड्डी ने आबकारी नीति में हेरफेर को प्रभावित करने के अलावा स्वचालित ओएफएस (आपूर्ति के लिए ऑर्डर) को मैन्युअल प्रक्रिया से बदलने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने एपीएसबीसीएल (आंध्र प्रदेश स्टेट बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड) में अपने वफादारों को नियुक्त किया था।
- उन्होंने कथित तौर पर नकली डिस्टिलरी बनाईं और एक अन्य आरोपित बालाजी गोविंदप्पा के माध्यम से जगन को 'रिश्वत' दी। राजशेखर रेड्डी ने आरोपित चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी (पूर्व विधायक) के साथ मिलकर वाईएसआरसीपी पार्टी की ओर से चुनावों के लिए 250-300 करोड़ रुपये तक की नकदी भेजी। वह 30 से अधिक फर्जी फर्मों के माध्यम से मनी लांड्रिंग के लिए भी जिम्मेदार था। इस राशि का निवेश दुबई और अफ्रीका में जमीन, सोना, लग्जरी संपत्तियां खरीदने में किया गया था।
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