शिशु गृह में बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन? 3 सदस्यीय कमेटी करेगी जांच; कलेक्टर ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश में एक शिशु गृह में 18 महीने के बच्चे की मौत की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित की गई है। आरोप है कि बच्चे की मौत की सूचना अधिकारियों को लापरवाही से दी गई और बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए अंतिम संस्कार कर दिया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में एक स्थानीय शिशु गृह में 18 महीने के बच्चे की मौत की जांच 3 सदस्यीय समिति को देने को फैसला किया गया है। आरोप है कि इस बच्चे की मौत की सूचना अधिकारियों को देने में लापरवाही की गई और बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
कल्याणदुर्ग निवासी एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था। यह शिशु कथित तौर पर बेहद कम वजन का पैदा हुआ था। उसकी मां ने बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए उसे शिशु गृह को सौंप दिया था। 30 सितंबर से यह बच्चा शिशु गृह के संरक्षण में था और यहीं उसकी देखभाल की जा रही थी।
वॉट्सएप पर दी गई मौत की सूचना
दशहरे के दिन बच्चे को दस्त होने लगे और इसके पश्चात उसकी मौत हो गई। कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगा। लेकिन विवाद सिर्फ यही नहीं थमा। शिशु गृह के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर और आईसीडीएस परियोजना अधिकारी वॉट्सएप पर बच्चे की मौत की सूचना दी और अगली ही सुबह उसके शव को दफना दिया।
यह प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन था। अनंतपुर के जिला कलेक्टर ने तुरंत जांच के आदेश दिए। बच्चे की मौत के कारण और उसके बाद के घटनाक्रम पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। बताया ये भी जा रहा है कि बच्चे की मौत से पहले उसे सरकारी सामान्य अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उसकी हालत स्थित बताते हुए डॉक्टरों ने उसे वापस भेज दिया था।
मामले की जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई है, उसमें जांच समिति में डीएमएचओ डॉ. ईबी देवी, आईसीडीएस पीडी नागमणि और जीजीएच के बाल रोग विभागाध्यक्ष सदस्य शामिल हैं। कमेटी इस बात की जांच करेगी कि क्या मौत को रोका जा सकता था या क्या यह सब कुछ लापरवाही के कारण हुआ।
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