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    अमृत सरोवर योजना: जल संरक्षण में भारत को मिली नई दिशा, ग्राउंड वाटर रिचार्ज क्षमता में लगभग दोगुनी वृद्धि

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 10:04 PM (IST)

    अमृत सरोवर योजना ने भारत में जल संरक्षण को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत देश भर में 68000 से अधिक तालाब बनाए गए जिससे भूजल रिचार्ज क्षमता में वृद्धि ...और पढ़ें

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    जल संकट को अमृत सरोवर योजना से संबल मिला है।(फाइल फोटो)

    अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। साल दर साल चुनौती बन रहे जल संकट को अमृत सरोवर योजना से संबल मिला है। योजना के तहत देश भर के सभी जिलों में 75-75 तालाब बनाने थे। इस हिसाब से 50 हजार से अधिक सरोवरों के निर्माण या पुनर्जीवन का लक्ष्य था, मगर बन गए 18 हजार अतिरिक्त तालाब। इससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज क्षमता में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है।

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    वर्ष 2017 में भारत की कुल भूजल को दोबारा भरने की क्षमता 13.98 अरब घन मीटर थी, जो अभी बढ़कर 25.34 अरब घन मीटर हो गई है। भू-गर्भ जल वृद्धि के इस फार्मूले ने भविष्य में जल संरक्षण एवं पर्यावरणीय स्थिरता का रास्ता दिखाया है। यह वृद्धि अचानक नहीं हुई। इसके पीछे 68 हजार से ज्यादा अमृत तालाब हैं, जो न सिर्फ वर्षा जल संचित कर रहे हैं, बल्कि आस-पास के भूगर्भ जल स्तर को भी समृद्ध कर रहे हैं।केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना ने देश की जल नीति को नई दिशा दी है।

    लक्ष्य से 36 प्रतिशत अधिक कार्य हुआ

    ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार जल चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 2022 में मिशन की शुरुआत की थी। 15 अगस्त 2023 तक 50 हजार सरोवर बनाने का लक्ष्य था। मगर सिलसिला आगे भी जारी रहा और लक्ष्य से 36 प्रतिशत अधिक कार्य हुआ। अप्रैल 2025 तक 68 हजार से अधिक सरोवरों के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में सतही एवं भूजल उपलब्धता में वृद्धि हुई है। सूखे कुएं, खाली हैंडपंप एवं आग उगलती धरती की पहचान अब जल संरक्षण की पर्याय बनने लगी है।

    अमृत सरोवरों ने आम लोगों को जल संरक्षण की अन्य विधियों के अनुपालन के लिए प्रेरित किया। उत्तर प्रदेश में सरोवर निर्माण के साथ-साथ आधुनिक सिंचाई एवं जल-संचयन के अन्य तरीकों से भूजल स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब पहले से ज्यादा जमीन के अंदर पानी जमा हो रहा है। किनारों पर लगे पौधे पर्यावरण को मजबूती दे रहे हैं। खेती में ड्रिप ¨सचाई (बूंद-बूंद पानी), स्पि्रंकलर (फव्वारे की तरह पानी देना) और रूफ वाटर हार्वे¨स्टग आदि ने भी जल संचयन को सहारा दिया है।

    बुंदेलखंड के इन इलाकों में बना तालाब

    उत्तर प्रदेश के 29 जिलों का भूजल स्तर सुधर गया है। पहले 82 ब्लॉकों में भूजल का अत्यधिक दोहन होता था, जो अब सिर्फ 50 ब्लॉक रह गए हैं। बुंदेलखंड के महोबा, ललितपुर एवं चित्रकूट में बोरिंग से पानी नहीं निकलता था, अब तालाब के पास खुदाई करते ही पानी मिल जाता है।

    बिहार में 2,613 तालाबों के माध्यम से कम से कम 41.8 प्रतिशत कुओं के भूगर्भ जल स्तर में सुधार हुआ है। कहीं-कहीं चार मीटर तक पानी ऊपर आ गया है, जो बताता है कि सरोवरों के माध्यम से पानी रिचार्ज होकर भू-गर्भ तक पहुंचा है। 64.3 प्रतिशत कुओं का जल स्तर बेहतर हुआ है।

    हालांकि सरोवरों के निर्माण मात्र से चुनौतियां खत्म नहीं हो गई हैं। तालाबों की देख-रेख बड़ी समस्या है। उत्तर प्रदेश, झारखंड एवं मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर सि¨ल्टग, अतिक्रमण और अपशिष्ट डं¨पग जैसे मामले सामने आने लगे हैं।

    कहां कितने सरोवर

    राज्य                 संख्या

    बिहार                  2,613

    उत्तर प्रदेश         16,630

    झारखंड              2,048

    हरियाणा             2,088

    मध्य प्रदेश          5,839

    छत्तीसगढ़          2,902

    पंजाब -               1,450

    स्त्रोत-मिशन अमृत सरोवर