Amrapali project: 'आम्रपाली परियोजनाओं में गैर कब्जे वाले फ्लैट बेचें', सुप्रीम कोर्ट का NBCC को निर्देश
जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने मामले में अदालत के रिसीवर के तौर पर नियुक्त अटर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी से पूछा कि बिना बिके हुए फ्लैटों और संपर्क करने के बावजूद पजेशन लेने नहीं आ रहे फ्लैट खरीददारों की यूनिटों की अंतिम सूची जारी करें ताकि उनकी बुकिंग को रद करके उसे दूसरे खरीददारों को बेचा जा सके।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली प्रोजेक्ट के उन फ्लैट खरीददारों के प्रति सख्त रुख अख्तियार किया है जिन्होंने अभी तक अपने फ्लैट का पजेशन लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। सर्वोच्च अदालत का कहना है कि ऐसा नहीं करने वाले फ्लैट खरीददारों की बुकिंग को रद कर दिया जाएगा और उनके फ्लैट अन्य खरीददारों को बेच दिए जाएंगे। यह आम्रपाली प्रोजेक्ट के वह फ्लैट हैं जिन्हें सरकारी एजेंसी एनबीसीसी ने अपने स्तर पर पूरा कर दिया है।
पजेशन लेने नहीं आ रहे फ्लैट खरीददारों की लिस्ट जारी हो: कोर्ट
जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने मामले में अदालत के रिसीवर के तौर पर नियुक्त अटर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी से पूछा कि बिना बिके हुए फ्लैटों और संपर्क करने के बावजूद पजेशन लेने नहीं आ रहे फ्लैट खरीददारों की यूनिटों की अंतिम सूची जारी करें ताकि उनकी बुकिंग को रद करके उसे दूसरे खरीददारों को बेचा जा सके।
वेंकटरमानी ने बताया कि करीब तीन-चार हजार फ्लैटों के खरीददार बार-बार के आग्रह के बावजूद पजेशन लेने के लिए नहीं आए हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथारिटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रविंदर कुमार के अनुसार दोनों प्राधिकरणों ने पांच अन्य परियोजनाओं समेत गोल्ड होम प्रोजेक्ट के तहत अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी थी। इनमें से कुछ को एनबीसीसी को पूरा करना था।
इन परियोजनाओं के नक्शे किए गए अपलोड
एनबीसीसी की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ दवे ने कोर्ट को बताया कि सेंचुरियन पार्क, लेजर वैली, लेजर पार्क और ड्रीम वैली परियोजनाओं के नक्शे अपलोड किए गए हैं। कोर्ट ने इन चार परियोजनाओं को मंजूरी के लिए ग्रेटर नोएडा अथारिटी को निर्देशित किया है।
साथ ही नोएडा के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सिलिकान सिटी प्रोजेक्ट को भी अतिरिक्ट फ्लैटों के लिए मंजूरी देने को कहा है। दवे ने बताया कि एनबीसीसी को बाकी फ्लैटों में 343 करोड़ रुपये का काम पूरा करने के लिए और 500 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।