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अमित शाह ने रखी रानी गाइदिन्ल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की आधारशिला, बोले- देशभक्ति की भावना होगी जागृत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को तामेंगलोंग जिले के लुआंगकाओ गांव में रानी गाइदिन्ल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की आधारशिला रखी। उन्‍होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बन रहे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय हमारे समाज को एकजुट करने में मदद करेंगे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 08:08 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 02:13 PM (IST)
अमित शाह ने रखी रानी गाइदिन्ल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की आधारशिला, बोले- देशभक्ति की भावना होगी जागृत
अमित शाह मणिपुर के तामेंगलोंग में रानी गाइदिन्ल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की आधारशिला रखेंगे।

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मणिपुर के तामेंगलोंग जिले में रानी गाइदिन्ल्यू आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय की आधारशिला रखी। इस मौके पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। अमित शाह ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बन रहे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्रहालय हमारे समाज को एकजुट करने में मदद करेंगे।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा, 'हमारे देश को आजाद कराने में सभी वर्गों ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, भारत की आजादी में आदिवासी आबादी के संघर्षों और बलिदानों से शहरी अनजान है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने विभिन्न राज्यों में इस तरह के संग्रहालय बनाने का फैसला किया। सरकार ने इस कार्य के लिए 195 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। इसमें से 110 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।'

उन्‍होंने बताया कि ये संग्रहालय गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर में बनाए जाएंगे। इससे देशभक्ति की भावना जागृत होगी। आदिवासियों के कल्‍याण और विकास के लिए पीएम मोदी ने कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।

जनजातीय मामलों के मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि राज्य मंत्रिमंडल ने तय किया है कि संग्रहालय का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्ल्यू के नाम से रखा जाए और संग्रहालय की स्थापना रानी गाइदिन्ल्यू के गांव लुआंगकाओ में की जाए। बता दें कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय की ओर से इस परियोजना के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

जनजातीय मामलों का मंत्रालय 15 नवंबर से शुरू हुआ आजादी का अमृत महोत्सव सप्ताह मना रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के रूप में लान्च किया था। रानी गाइदिन्ल्यू को 1972 में ताम्रपत्र, 1982 में पद्म भूषण, 1983 में विवेकानंद सेवा सम्मन, 1991 में स्त्री शक्ति पुरस्कार और 1996 में भगवान बिरसा मुंडा पुरस्कार से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था।

भारत सरकार ने 1996 में रानी गाइदिन्ल्यू का एक स्मारक टिकट भी जारी किया था। 2015 में उनके जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 100 रुपये का एक सिक्का और पांच रुपये का एक प्रचलन सिक्का जारी किया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय तटरक्षक बल ने 19 अक्टूबर 2016 को एक फास्ट पेट्रोल वेसल आइसीजीएस रानी गाइदिन्ल्यू को कमीशन किया था।


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