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    'ऑपरेशन सिंदूर स्वराज को टिकाए रखने का प्रयास', अमित शाह बोले- छत्रपति शिवाजी महाराज की कल्पना का भारत बनाने की जिम्मेदारी

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 09:42 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर स्वराज को टिकाए रखने का प्रयास था जिसे जरूरत पड़ने पर आगे भी जारी रखा जाएगा। पुणे में राष्ट्रीय र ...और पढ़ें

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    अमित शाह ने बाजीराव पेशवा की वीरता का बखान किया (फोटो: पीटीआई)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हाल ही में चला ऑपरेशन सिंदूर हमारे स्वराज को टिकाए रखने का एक प्रयास था। हमारा नेतृत्व और हमारी सेना आगे भी जब जरूरत पड़ेगी, यह प्रयास जारी रखेगी। अमित शाह शुक्रवार को पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में बाजीराव पेशवा की अश्वारूढ़ प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अकादमी के कैडेट्स को संबोधित कर रहे थे।

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    इसी अवसर पर उन्होंने बाजीराव पेशवा की वीरता का बखान करते हुए कहा कि उन्होंने 41 युद्धों में विजय हासिल की। कई युद्धों में बहुत से राजाओं ने विजय हासिल की है। लेकिन बाजीराव के युद्धों में एक विशेष बात थी कि वह अपने लिए नहीं लड़ रहे थे, वह देश के और स्वराज के लिए लड़ रहे थे। क्योंकि वह तो पंत प्रधान (प्रधानमंत्री) थे। वह हमेशा छत्रपति के विश्वासपात्र ही रहे। उन्होंने अपने 40 साल के जीवन में एक ऐसा अमर इतिहास लिखने का काम किया, जो आनेवाली कई सदियों तक कोई और नहीं लिख पाएगा।

    'बाल शिवाजी और पेशवा बाजीराव को याद करता हूं'

    शाह ने कहा कि पेशवा बाजीराव का अभिनंदन करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। लेकिन मेरे जीवन में कभी भी कोई निराशा दस्तक देने लगती है, तो मैं बाल शिवाजी और पेशवा बाजीराव को याद करता हूँ, और मेरी निराशा कोसों दूर चली जाती है। उन्होंने कहा कि यदि छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा शुरू की गई स्वतंत्रता की लड़ाई को बाजीराव और अन्य पेशवाओं ने 100 साल तक आगे न बढ़ाया होता, तो भारत का मूल स्वरूप ही समाप्त हो गया होता।

    इसी कड़ी में अमित शाह ने कहा कि इतनी विपरीत परिस्थिति में वो लोग (छत्रपति शिवाजी महाराज एवं पेशवा बाजीराव) इतना कर पाए तो आज तो परिस्थिति बहुत अनुकूल है। अब शिवाजी महाराज की कल्पना का भारत बनाने की जिम्मेदारी 140 करोड़ भारतीयों की है। स्वराज के लिए जब संघर्ष करने का समय तो संघर्ष किया। अब स्वराज को टिकाए रखने के लिए भी जब संघर्ष करने की जरूरत पड़ेगी, तो हमारी सेना और हमारा नेतृत्व ऐसा जरूर करेगा। आपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण है। लेकिन स्वराज के साथ-साथ महान भारत की रचना भी छत्रपति शिवाजी की ही कल्पना है।

    शाह ने कहा कि हमें एक ऐसे भारत की रचना करनी है कि जब हम 2047 में भारत स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएं तो समग्र विश्व में हर क्षेत्र में हम सर्वप्रथम हों, ये हम सबके जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। इस लक्ष्य को सिद्ध करने के लिए पुरुषार्थ, समर्पण और बलिदान, इन तीनों की प्रेरणा लेने के लिए यदि कोई उत्तम व्यक्तित्व हमारे इतिहास में है, तो वह श्रीमंत बाजीराव पेशवा हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने एनडीए परिसर में पेशवा बाजीराव की अश्वारूढ़ प्रतिमा लगाने का निर्णय करने के लिए एनडीए प्रशासन की भी सराहना की, और कहा कि यहां के कैडेट्स को इस प्रतिमा के कारण बाजीराव पेशवा के जीवन और वीरता से प्रेरणा मिलती रहेगी।

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