'बॉर्डर के साथ छेड़खानी की, तो भुगतने पड़ेंगे परिणाम', पड़ोसी मुल्क को अमित शाह का स्पष्ट संदेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत बदल गया है और किसी ने सीमाओं या सेना के साथ छेड़खानी की तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने निर्णायक कदम उठाए हैं। सरकार ने दुनिया को एक मजबूत संदेश दिया है और भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया को स्पष्ट संदेश मिल चुका है कि भारत अब बदल चुका है। हमारे नागरिकों, सीमाओं एवं सेना के साथ कोई छेड़खानी न करे, नहीं तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। अमित शाह जयपुर में गुरुवार को आयोजित अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इस दौरान उन्होंने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने निर्णायक और साहसी कदम उठाए हैं। सबसे बड़ा काम सुरक्षा के मोर्चे पर किया गया है। कांग्रेस सरकार में देश आतंकी हमलों से त्रस्त रहता था, लेकिन जब उरी में हमला हुआ तो पीएम ने सर्जिकल स्ट्राइक की।
शाह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया
उन्होंने कहा कि पुलवामा में हमला हुआ तो एयर स्ट्राइक की और पहलगाम में हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकियों के ठिकाने उड़ा दिए। सरकार ने यह संदेश देकर समृद्ध, सुरक्षित एवं विकसित भारत के स्वप्न को साकार किया है और दुनिया में भारत की छवि सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरी है।
सहकार एवं रोजगार उत्सव को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष मनाने की शुरुआत भारत से हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को जब अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही इसके प्रथम कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अगला सौ वर्ष सहकारिता का होगा, क्योंकि गांव-गरीब एवं किसान तक सहकारिता को पहुंचाने के लिए केंद्र में अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है।
मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
- कहा कि आज 98 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में सहकारिता की सक्रिय भूमिका है। धान-गेहूं की खरीदारी में लगभग 20 प्रतिशत योगदान सहकारिता का है। 35 प्रतिशत उर्वरक और 30 प्रतिशत चीनी का उत्पादन भी इसी के माध्यम से होता है। 20 प्रतिशत से ज्यादा उचित मूल्य की दुकानें भी सहकारिता के जरिए चलती हैं। आठ लाख 50 हजार सहकारी संस्थाओं के जरिए 31 करोड़ लोग सहकारिता से जुड़े हैं। सरकार ने दलहन, तिलहन एवं मक्का किसानों की पूरी उपज नेफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से एमएसपी पर खरीदारी की गारंटी दी है।
- मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि 11 वर्षों के दौरान देश 11वें नंबर से छलांग लगाकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। सरकार ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया है। इस दौरान 60 करोड़ गरीबों के लिए घर, शौचालय, बिजली, गैस, पांच किलो मुफ्त अनाज एवं पांच लाख रुपये तक के इलाज और मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की है।
- अमित शाह ने राजस्थान के किसानों और पशुपालकों को आश्वस्त किया कि सहकारिता के जरिए ऊंटों की नस्ल के संरक्षण एवं ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर रिसर्च किया जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में ऊंटों के अस्तित्व पर कोई खतरा नहीं रहेगा।
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