'सिर्फ विकास योजनाएं ही नहीं बनाएं', अमित शाह ने भारतीय बैंकों को दिया नया टारगेट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय बैंकों को दुनिया के शीर्ष 10 में शामिल होने का लक्ष्य रखना चाहिए सिर्फ विकास की योजना नहीं। उन्होंने एमएसएमई का समर्थन करने के महत्व पर जोर दिया। शाह ने कहा कि भारत सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए हुए है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारतीय बैंकों को केवल विकास की योजना ही नहीं बनानी चाहिए, बल्कि दुनिया के शीर्ष 10 में शामिल होने का लक्ष्य रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। संविधान तीन प्रकार की समावेशिता की बात करता है, जो राजनीतिक, सामाजिक और वित्तीय समावेशिता हैं।
'बैंकों को सिर्फ विकास की योजनाएं नहीं बनानी चाहिए'
एक मीडिया हाउस के पुरस्कार समारोह में अमित शाह ने कहा, मैं हमारे भारतीय बैंकों से कहना चाहता हूं कि उन्हें केवल विकास की योजना नहीं बनानी चाहिए। हमारे बैंक शीर्ष दस में होने चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का समर्थन देश की आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने याद दिलाया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, अदाणी ग्रुप और टारेंट ग्रुप जैसे दिग्गज भी किसी समय एमएसएमई थे। शाह ने कहा कि यदि इन समूहों को कोई ऋण नहीं दिया गया होता, तो भारत में इतने सारे औद्योगिक घराने नहीं होते।
'भारत ने सात से आठ प्रतिशत वृद्धि दर बनाई हुई है'
शाह ने कहा, जब दुनिया कठिनाइयों का सामना कर रही है, ध्रुवीकरण हो रहा है और लोग नेतृत्व में विश्वास खो रहे हैं, भारत में स्थिरता, विश्वसनीय नेतृत्व और मजबूत अर्थव्यवस्था है। कई देश एक से दो प्रतिशत की वृद्धि दर पर संघर्ष कर रहे हैं, जबकि भारत ने सात से आठ प्रतिशत की स्थिर वृद्धि बनाए रखी है। यह बड़ी उपलब्धि है। हमने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में लगातार 14 प्रतिशत की वृद्धि बनाए रखी है। यह भारत की अर्थव्यवस्था में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है।
'यूपीआई लेकर आया डिजिटल क्रांति'
उन्होंने कहा, पीएलआई योजना, औद्योगिक गलियारे, लॉजिस्टिक्स पार्क और स्टार्ट-अप इंडिया के माध्यम से, हमने नया इकोसिस्टम बनाया है। उन्होंने कहा, 2008 से 2014 के बीच, 52 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए गए, जिनमें से कई बैड लोन में बदल गए। बैंकिंग क्षेत्र भ्रष्टाचार, लापरवाही और पारदर्शिता की कमी से प्रभावित था। प्रधानमंत्री मोदी ने सिस्टम में सुधार लाने का निर्णय लिया।
शाह ने कहा, 60 करोड़ लोग ऐसे थे जिनमें से किसी भी परिवार के सदस्य के पास बैंक खाता नहीं था। हमने 53 करोड़ खाते खोले और गरीब लोगों को बैंकिंग नेटवर्क से जोड़ा। यूपीआई ने डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- 'अमित शाह को संसद में पत्थर मारा गया...', Kangana Ranaut ने विपक्षी सांसदों पर लगाए गंभीर आरोप
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।