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Cyclone Nisarga Updates: महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवात 'निसर्ग' मचा सकती है तबाही; जानें- कब औऱ कहां टकराएगा तूफान

Cyclone Nisarga Updates 3 जून को चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से टकरा सकता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 06:19 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 08:03 AM (IST)
Cyclone Nisarga Updates: महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवात 'निसर्ग' मचा सकती है तबाही; जानें- कब औऱ कहां टकराएगा तूफान
Cyclone Nisarga Updates: महाराष्ट्र और गुजरात में चक्रवात 'निसर्ग' मचा सकती है तबाही; जानें- कब औऱ कहां टकराएगा तूफान

नई दिल्ली, एजेंसियां। अरब सागर के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र से अगले दो दिनों में चक्रवात शुरू होगा। इसे निसर्ग नाम दिया गया है। एक दिन बाद यह चक्रवात पश्चिमी तटों से गुजरते हुए करीब सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात और महाराष्ट्र के तटों से टकराएगा। इसके चलते इन क्षेत्रों में भारी बारिश होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विभाग विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में तैयारियों का जायजा लिया।

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जानें- कब और कहा टकराएगा तूफान, इस समय क्या है स्थिति

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को कहा कि 3 जून को चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में हरिहरेश्वर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से टकरा सकता है। IMD के उप महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा कि अरब सागर में बने निम्न दाब के क्षेत्र की वजह से अगले 24 घंटे में चक्रवात बन सकता है। निसर्ग चक्रवात 2 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ेगा। फिर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने के बाद हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से 3 जून की शाम या रात तक टकरा सकता है। बता दें कि हरिहरेश्वर शहर मुंबई और पुणे दोनों से 200 किलोमीटर की दूरी पर और दमन से 360 किलोमीटर की दूरी पर है।

एनडीआरएफ की 23 टीमें तैनात 

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि हालात से निपटने के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, दमन एवं दीव और दादर व नगर हवेली में एनडीआरएफ की 23 टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से 11 टीमें गुजरात में, 10 टीमें महाराष्ट्र में और दो टीमें दमन एवं दीव और दादर व नगर हवेली में तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में 45 सदस्य होते हैं।

अमित शाह ने की बैठक

अमित शाह के दफ्तर से ट्वीट कर बताया गया कि गृह मंत्री ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), एनडीआरएफ, आइएमडी और कोस्ट गार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और चक्रवात से पैदा होने वाले हालात से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मुताबिक गुजरात में सूरत के तट से करीब 920 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम दिशा में अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र विक्षोभ में बदल गया है। इसके चक्रवात का रूप लेकर तीन जून की शाम तक उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के तटों से टकराने की संभावना है।

गुजरात के समुद्री तट से टकरा सकता है चक्रवात

आइएमडी के मुताबिक महाराष्ट्र और गुजरात के बीच हरिहरेश्वर और दमन से तटों से तीन जून की शाम को गुजरेगा। अहमदाबाद में आइएमडी केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने कहा कि निसर्ग तूफान करीब 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटों से टकराएगा। इसकी वजह से तीन और जून को दक्षिणी गुजरात के साथ ही सौराष्ट्र के भावनगर और अमरेली जिलों में भारी बारिश होगी।

मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटवर्ती जिले होंगे प्रभावित

निसर्ग तूफान से मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटवर्ती सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। भारी बारिश की वजह से इन जिलों के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। तेज हवा के चलते पेड़, टेलीफोन लाइन, बिजली के पोल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। एनडीआरएफ ने मुंबई में तीन, पालघर में दो और ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में एक-एक टीम तैनात की है।

गुजरात के सीएम ने की समीक्षा बैठक

अरब सागर में पैदा हुए चक्रवात को देखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने गांधीनगर में उच्च स्तरीय बैठक तैयारियों की समीक्षा की। बैठक के बाद रूपानी ने कहा कि हालात से निपटने के लिए उत्तरी गुजरात के पांच जिलों और भावनगर व अमरेली जिले में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 1टीमें तैनात कर दी गई हैं। 

लोगों से घरों में रहने की अपील

मुख्यमंत्री रूपानी ने तटवर्ती इलाकों के लोगों से तीन और चार जून को घरों में ही रहने का अनुरोध किया है। मछुआरों को भी वापस बुला लिया गया है। नमक बनाने वाले क्षेत्रों से भी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। डूब वाले क्षेत्रों से भी लोगों को निकाला गया है। हालात पर नजर रखने के लिए गांधीनगर में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।


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