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    चार महाद्वीपों में फैले ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार; अमित शाह ने बताया क्या है आगे का प्लान

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 08:12 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और अन्य एजेंसियों को ग्लोबल ड्रग कार्टेल के भंडाफोड़ पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि एजेंसियों ने बेहतरीन समन्वय का प्रदर्शन किया है जिसके परिणामस्वरूप आठ गिरफ्तारियां हुईं और मादक पदार्थों की जब्ती हुई। अमित शाह ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ड्रग्स कार्टेल को खत्म करने और युवाओं की सुरक्षा के लिए संकल्पित है।

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    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीबी को दी बधाई। (फाइल फोटो)

    नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एशिया, यूरोप, अमेरिका और आस्ट्रेलिया चार महाद्वीपों के 10 से अधिक देशों में फैले अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के नेटवर्क का खुलासा किया है। एनसीबी से मिली जानकारी के आधार पर भारत के साथ-साथ अमेरिका और आस्ट्रेलिया में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य कई देशों में नेटवर्क से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।

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    गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एनसीबी व अन्य एजेंसियों को इतने बड़े नेटवर्क के भंडाफोड़ के लिए बधाई देते हुए कहा कि मोदी सरकार हर ड्रग कार्टेल, चाहे वे कहीं से भी संचालित हो रहे हों, को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने इसे देश के विभिन्न एजेंसियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए कहा कि इस आपरेशन के दौरान अमेरिका व आस्ट्रेलिया में ड्रग की पांच बडी खेप की बरामदगी के साथ ही आस्ट्रेलिया में एक मैन्यूुफैक्चरिंग यूनिट को भी ध्वस्त करने में सफलता मिली है। नेटवर्क के वित्तीय लेन-देन और सप्लाई चैन को संभालने वाले सरगना की भी पहचान की जा चुकी है, जो यूएई में रह रहा है। एनसीबी उसकी गिरफ्तारी के लिए यूएई के अधिकारियों के साथ संपर्क में है।

    दिल्ली से अलबामा तक ऐसे जुड़े तार

    इस पूरे नेटवर्क का खुलासा दिल्ली के मंडी हाउस के पास एक कार से दो युवकों की गिरफ्तारी के साथ हुआ, जो नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के छात्र थे। इनकी गिरफ्तारी 25 मई को मंडी हाउस के पास हुई और उनके पास से 3.7 किलोग्राम ट्रामाडोल टैबलेट जब्त किया गया।

    पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे एक बड़ी आनलाइन बी2बी प्लेटफार्म के वेंडर प्रोफाइल का काम देखता है, जिसके माध्यम से पूरे अमेरिका, यूरोप और आस्ट्रेलिया में फार्मास्यूटिकल गोलियां सप्लाई की जाती है। उससे पूछताछ के आधार पर एसीबी रूड़की के स्टाकिस्ट तक पहुंची और मयूर विहार से उसके एक अन्य सहयोगी को गिरफ्तार किया।

    मयूर विहार से गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के आधार पर एनसीबी कर्नाटक के उडुपी पहुंची, जहां एक काल सेंटर में अमेरिका से थोक आर्डर बुक किये जाते थे। इस काल सेंटर में 10 लोग काम करते थे। यहां से ड्रग की 50 ऐसी अंतरराष्ट्रीय खेप का पता चला जिसकी डिलिवरी अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इस्टोनिया और स्वीटजरलैंड में होनी थी।

    आपरेशन मेड मैक्स बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की संलिप्तता को देखते हुए एनसीबी ने आपरेशन मेड मैक्स शुरू किया और उपलब्ध जानकारी को इंटरपोल और संबंधित देशों की एजेंसियों के साथ साझा किया। इसके बाद विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय के साथ शुरु हुए आपरेशन में अमेरिका की ड्रग इंफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) ने अलबामा से जोएल हाल नाम एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जो अलबामा में बड़े पैमाने पर ड्रग्स सप्लाई का काम करता था। उसके पास से प्रतिबंधित ड्रग की 17000 गोलियां बरामद हुई। इसके साथ ही डीएई ड्रग के पांच पार्सल को रोक कर 700 ग्राम जोलपिडेम नामक ड्रग पकड़ने में सफल रही।

    यही नहीं, डीईए ने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक को भी पकड़ लिया, जो ड्रग के पैसों की लेन-देन का काम देखता था। एनसीबी के अनुसार इस गिरफ्तारी ने नेटवर्क के वित्तीय साम्राज्य की कमर तोड़ने का काम किया है।

    ऐसे काम करता था नेटवर्क

    एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पूरे नेटवर्क में सभी लोगों के काम अलग-अलग बंटे थे और सभी को 10 से 15 फीसद कमीशन मिलता था। थोक वेंडर से संपर्क और उनके आर्डर के संभालने का काम उडुपी स्थित काल सेंटर से किया जाता था। एक बार आर्डर कंफर्म हो जाने के बाद क्रिप्टोकैरेसी में एडवांस पेमेंट लिया जाता था। 10-15 फीसद कमीशन काटने के बाद बाकी रकम सप्लायर को भेज दिया जाता था।

    सप्लायर 10 फीसद कमीशन काटकर बाकी रकम आगे उसे संबंधित देशों में रहने वाले रि-शिपर्स (ड्रग के थोक तस्कर) को भेज दिया था, जो अंतिम डिलिवरी का काम संभालता था। गोपनीयता बनाए रखने के लिए पूरा आपरेशन टेलीग्राम जैसे प्लेट्रफार्म पर बातचीत पर होती थी और पेमेंट क्रिप्टो करेंसी के साथ-साथ पेपाल और वेस्टर्न यूनियन जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से किया जाता था।

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