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    देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने कहा, SARS-CoV-2 के ओमिक्रोन व अन्‍य सब-वैरिएंट हावी

    स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित उत्तर में कहा कि पिछले चार महीनों के दौरान देश भर में भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा विश्लेषण किए गए नमूनों में से 1900 से अधिक ओमिक्रोन सब-वेरिएंट का पता चला है।

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 14 Mar 2023 05:15 PM (IST)
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    114 दिनों में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में यह मामले दर्ज किए गए हैं।

    नई दिल्ली, पीटीआई। भारत में क्या एक बार फिर कोरोना की लहर आने वाली है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। ताजा जानकारी के अनुसार, एक दिन में कोरोना के मामले 500 के आंकड़े को पार कर गए है, बता दें कि 114 दिनों में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में यह मामले दर्ज किए गए हैं।

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    ओमिक्रोन सब-वेरिएंट का चला पता

    वहीं सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि भारत में ओमिक्रोन और इसके सब-वैरिएंट SARS-CoV-2 मौजूद हैं। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित उत्तर में कहा कि पिछले चार महीनों के दौरान, देश भर में भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा विश्लेषण किए गए नमूनों में से 1900 से अधिक ओमिक्रोन सब-वेरिएंट का पता चला है।

    ओमिक्रोन सब-वेरिएंट के परिवर्तनशीलता और उनके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों के साथ कोविड-19 वायरस के विभिन्न रूपों के उद्भव को देखते हुए, INSACOG नेटवर्क प्रयोगशालाएं वायरस के उत्परिवर्ती वेरिएंट का पता लगाने के लिए नमूनों की पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग करती हैं।

    क्या कहा स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने

    पवार ने कहा कि चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया, थाईलैंड और जापान में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अतीत में एयर सुविधा पोर्टल पर कोविड-19 आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट और स्‍वयं स्‍वास्‍थ्‍य घोषणा फॉर्म को अपलोड करने की अतिरिक्‍त आवश्‍यकता को इन देशों से आने वाले या वहां से आने वाले यात्रियों के लिए अनिवार्य बना दिया गया था।

    हालांकि, इन देशों में कोविड-19 के घटते प्रसार के आधार पर, 10 फरवरी को एक नया दिशानिर्देश जारी किया गया था, जिसमें अतिरिक्त आवश्यकताओं को हटा दिया गया था।

    मंत्री ने कहा कि आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कुल यात्रियों में से दो प्रतिशत को सकारात्मक मामलों और उनके वेरिएंट की निगरानी के लिए प्रस्थान के बंदरगाह पर ध्यान दिए बिना आगमन के बाद COVID-19 परीक्षण से गुजरना पड़ता है।