संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में अहम हिस्सा बनाने में भारत को सहयोग देगा अमेरिका: वाणिज्य मंत्री रिमांडो
अमेरिका संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में अहम हिस्सा बनाने में भारत को सहयोग देगा। वह भारत को भरोसेमंद टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में भी देखता है। यही नहीं भारत व्यापार करने के लिए काफी आकर्षक जगह है। यह बात अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रिमांडो ने कही।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका भारत को सिर्फ सेमीकंडक्टर का बड़ा निर्माता बनने में ही मदद नहीं करेगा, बल्कि संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनने में अपना सहयोग देगा। शुक्रवार को भारत के साथ वाणिज्य वार्ता के बाद अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रिमांडो ने कहा कि वह भारत को एक भरोसेमंद टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर के निर्माण में जो कमी आएगी, उसकी पूर्ति अमेरिका करेगा।
सेमीकंडक्टर निर्माण में सहयोग के लिए होगा करार
सेमीकंडक्टर निर्माण में सहयोग के लिए दोनों देशों के बीच एक करार भी किया गया। अभी दुनिया में मुख्य रूप से तीन देश ही सेमीकंडक्टर का निर्माण करते हैं। इनमें पहले नंबर पर ताइवान है, जो दुनिया में इस्तेमाल होने वाले 60 फीसद सेमीकंडक्टर का उत्पादन करता है। अमेरिका व चीन भी सेमीकंडक्टर बनाते हैं।
अमेरिका का भरोसेमंद सहयोगी बन सकता है भारत
रिमांडो ने यह भी साफ कर दिया कि भारत वैश्विक सप्लाई चेन में अमेरिका का भरोसेमंद सहयोगी बन सकता है। दोनों देशों का संबंध काफी मजबूत आधारशिला पर टिका है और इस सहभागिता के कई सकारात्मक परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन से व्यापार को खत्म नहीं करेगा, लेकिन चीन अमेरिका से टेक्नोलॉजी लेकर उसे अपनी मिलिट्री में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए अमेरिका चाहता है कि भारत संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स की सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बने।
चार साल बाद हुई वाणिज्यिक वार्ता
चार साल के बाद अमेरिका और भारत के बीच वाणिज्यिक वार्ता हुई है और कोरोना महामारी की वजह से पिछले तीन सालों में दुनिया में हुए आर्थिक बदलाव के बीच यह वार्ता काफी अहम मानी जा रही है। इस मौके पर भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माण में अमेरिका की तरफ से भारत को मदद दी गई और उसके बाद भारत ने दुनिया के सैकड़ों देशों को वैक्सीन की सप्लाई की। यह दर्शाता है कि भारत कैसे वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन सकता है।
लगातार अपनी गुणवत्ता को सुधार रहा भारत
गोयल ने कहा कि भारत वस्तु व सेवा दोनों का गुणवत्ता वाला सप्लायर है। वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनने के लिए भारत लगातार अपनी गुणवत्ता को सुधार रहा है और भारत की कोशिश है कि 90 फीसद तक अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करें।
वार्ता की खास बातें
- सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन सहभागिता के लिए दोनों के देशों के बीच एमओयू किया गया
- टैलेंट, इनोवेशन औऱ समावेशी विकास के लिए एक नए वर्किंग ग्रुप की शुरुआत, जो स्टार्टअप्स, एसएमई, स्किल डेवलपमेंट में एक दूसरे को सहयोग करने का काम करेंगे
- ट्रैवल व टूरिज्म के लिए फिर से वर्किंग ग्रुप की शुरुआत की गई। इसके तहत दोनों देश ट्रैवल व टूरिज्म में नई संभावना तलाश करेंगे। वर्किंग ग्रुप ट्रैवल व टूरिज्म के एसएमई सेक्टर को अपना सहयोग देगा।
- वस्तु व सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अमेरिका का अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट और भारत का बीआईएस एक दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे
- अमेरिका भारत में वर्ष 2024 में स्वच्छ ऊर्जा व पर्यावरण टेक्नोलॉजी में सहयोग के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों का एक मिशन भारत भेजेगा
- भारत के ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों की तलाश के लिए यूएस-इंडिया एनर्जी इंडस्ट्री नेटवर्क (ईआईएन) प्लेटफार्म की घोषणा
- बायोफ्यूल के क्षेत्र में दोनों देश साथ काम करेंगे
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