कश्मीर में हस्तक्षेप करने को बेताब अमेरिका, ट्रंप ने 12 घंटे में दो बार उठाया मुद्दा; भारत ने स्पष्ट किया रुख
भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को लेकर ट्रंप ने एक दिन पहले भी बयान दिया था। शनिवार को बताया गया था कि उपराष्ट्रपति जे डी वांस और विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने 48 घंटों के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से कई बार बात की थी।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव को दूर कर सीजफायर कराने में कितनी भूमिका निभाई है, इसको लेकर भारत सरकार की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसका श्रेय लेने को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्तेजित दिख रहे हैं।
रविवार सुबह राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत व पाकिस्तान के बीच शनिवार को सीजफायर को लेकर बनी सहमति के लिए दोनों देशों के नेताओं की भूरी-भूरी तारीफ की। साथ ही उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान करने की पेशकश एक बार फिर कर डाली। 12 घंटे में यह दूसरी बार है कि राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत व पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने को लेकर अपनी पीठ थपथपायी है।
ट्रंप लेना चाह रहे सीजफायर का क्रेडिट
जबकि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सीजफायर पर पहुंचने के लिए दोनों देशों के बीच सीधी बात हुई है। भारत को यह बात भी नागवार गुजर रही है कि राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के साथ उसे एक ही तराजू पर तौल रहे हैं। आधिकारिक तौर पर इस बारे में वैसे अभी कुछ नहीं कहा गया है।
सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा है कि, 'मुझे भारत व पाकिस्तान के अटल मजबूत नेतृत्व पर गर्व है जिनके पास इस बात को समझने व जानने की पर्याप्त बुद्धिमता, ताकत व दूरदर्शिता है कि मौजूदा आक्रामक को समाप्त करने का यह सही समय है, नहीं तो इससे काफी ज्यादा विध्वंस और मौतें होती। लाखों ईमानदार और अच्छे लोगों की मौत हो जाती। आप लोगों ने अपने वीरतापूर्ण काम से अपनी परंपरा को मजबूत किया है।
ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया
- ट्रंप ने लिखा कि 'मुझे इस बात का गर्व है कि अमेरिका ने आप दोनों को इस एतिहासिक व वीरतापूर्ण नर्णय पर पहुंचने के लिए मदद की। हालांकि अभी इस बारे में मेरी कोई बात नहीं हुई है लेकिन मैं इन दोनों महान देशों के साथ कारोबार में काफी वृद्धि करने जा रहा हूं। इसके अलावा, मैं आप दोनों के साथ काम करूंगा कि अगर हजारों साल बाद कश्मीर को लेकर किसी समाधान पर पहुंचा जा सकता हो। भारत व पाकिस्तान के नेतृत्व को एक बेहद अच्छा काम करने के लिए भगवान इनका भला करे।'
- अमेरिकी नेताओं ने पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ, पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर से भी बात की थी। तब भी अमेरिका ने कहा था कि भारत व पाकिस्तान के बीच किसी तटस्थ जगह पर व्यापक मुद्दे पर बात होगी। भारत इससे इनकार करता है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि किसी दूसरी जगह व अन्य मुद्दों पर बात किये जाने की कोई संभावना नहीं है।
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