अमेरिका में रुक नहीं रही गोलीबारी की घटनाएं, सुरक्षा का भय दिखाकर वर्ष दर वर्ष ताकतवर होती रही गन लाबी
अमेरिका की गन लाबी में कई अन्य संस्थान भी हैं लेकिन पैसा खर्च करने के मामले में एनआरए बाकियों से बहुत आगे है। बंदूक संस्कृति के विरोधी संगठन गिफोर्डस के अनुसार गन लाबी प्रतिवर्ष 10 मिलियन डालर (77 करोड़ रुपये से अधिक) खर्च करती है।

नई दिल्ली, जेएनएन। सार्वजनिक स्थानों पर निदरेष लोगों को निशाना बनाती गोलीबारी की घटनाएं अमेरिका के लिए नासूर बनती जा रही हैं। यहां के टेक्सास में एक प्राइमरी स्कूल में गोलीबारी की घटना ने एक बार फिर मासूमों की जान ली है। इस घटना के बाद अमेरिका की सशक्त ‘गन लाबी’ पर शिकंजा कसने के साथ इस खतरनाक हो चुके गन कल्चर यानी बंदूक संस्कृति को थामने की मांग तेज हुई है। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गन लाबी पर अंकुश लगाने की बात अपनी प्रतिक्रिया में कही है, लेकिन क्या अमेरिका में इस ताकतवर लाबी पर रोक लगा पाना संभव है। क्या है अमेरिका की गन लाबी और कहां से मिलती है इसे ताकत। समझें इस एक्सप्लेनर में:
सुरक्षा का भय दिखाकर वर्ष दर वर्ष ताकतवर होती रही गन लाबी
- गन लाबी ने यह कहकर अपने लिए समर्थन जुटाया कि सुरक्षित रहने के लिए अमेरिकी लोगों को हथियार रखने की अनुमति होनी चाहिए। उसने लोगों के मन में डर पैदा किया कि हथियार नहीं होगा तो उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- अमेरिका में बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वहां की द नेशनल राइफल एसोसिएशन (एनआरए) को सबसे सशक्त संगठन माना जाता है। अमेरिका की गन लाबी में इससे अधिक ताकतवर और कोई नहीं हैं। एक आकलन के अनुसार अमेरिका में इसके लगभग 30 लाख सदस्य हैं।
- एनआरए की स्थापना 1871 में अमेरिकी गृह युद्ध से जुड़े रहे लोगों ने मनोरंजन के उद्देश्य से की थी, लेकिन बाद में यह संगठन शक्तिशाली बनता गया और अमेरिका की राजनीति में अहम स्थान बना लिया।
- एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए एनआरए ने 30 मिलियन डालर (232 करोड़ रुपये से अधिक) खर्च किए। इसी चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। राजनीति में प्रभाव बनाए रखने के अलावा एनआरए बंदूक चलाने से संबंधित प्रशिक्षण और शूटिंग रेंज बनाने पर भी खर्च करता है।
वड़ी रकम खर्च करती है लाबी
- वैसे अमेरिका की गन नीति को प्रभावित करने के लिए एनआरए आधिकारिक रूप से प्रतिवर्ष तीन मिलियन डालर (करीब 23 करोड़ रुपये) व्यय करता है। यह सांसदों को आधिकारिक रूप से दी जाने वाली रकम है, अन्यथा एनआरए अन्य गतिविधियों पर बड़े खर्च के माध्यम से हथियारों के समर्थकों के अनुकूल गन पालिसी अमेरिका में कायम रखवाने में अभी तक सफल रहा है।
- जन सांसदों पर एनआरए का प्रभाव रहता है, वह अमेरिकी संसद में बंदूकधारियों पर लगाम लगाने से संबंधित किसी विधेयक या प्रस्ताव का विरोध करते हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार हथियार अधिकारों के प्रति मैत्रीपूर्ण रुख को लेकर एनआरए अमेरिका के संसद सदस्यों की ए से एफ तक ग्रेडिंग करती है। खराब रेटिंग से बंदूक संस्कृति का विरोध करने वाले सांसद की सीट तक खतरे में पड़ जाती है।
बदल रही है तस्वीर
- अमेरिका में बंदूक संस्कृति का विरोध करने और हथियार रखने वालों पर नियंत्रण का समर्थन करने वालों का प्रभाव बढ़ रहा है। इसके लिए कई संगठन आगे आ रहे हैं और उन्हें अब बंदूक संस्कृति पर नियंत्रण के समर्थकों से भारी आर्थिक सहायता भी मिलने लगी है। हालांकि अभी वह गन लाबी को पछाड़ने की स्थिति में नहीं पहुंचे हैं।
- अपने तौर तरीकों के कारण एनआरए को मिलने वाले धन और समर्थन में बीते कुछ वर्ष में कमी देखी जा रही है। इसके मुखिया लापिएरे पर संस्था के कोष से करीब दो लाख डालर महंगे कपड़ों के एक शोरूम में खर्च करने का आरोप है।
- इसके अलावा एनआरए के कर्ताधर्ता अब निजी व्यावसायिक लाभ को अधिक तरजीह दे रहे हैं। इसके सख्त रवैए के कारण भी लोग इससे छिटक रहे हैं।
सरकार के प्रयास नाकाफी
- गन लाबी के प्रभावशाली होने से पहले अमेरिका में सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए हथियारों के प्रयोग व नियंत्रण को लेकर सख्त रहती थी। 1934 के कानून के अलावा 1990 में भी अमेरिकी सरकार ने हथियार खरीदने से पहले खरीदार की पृष्ठभूमि की जांच से संबंधित विधेयक पारित किया था।
- अब आलम यह है कि गन लाबी के विरोध के कारण इस प्रकार के किसी विधेयक को पारित कराना तो दूर, अमेरिकी संसद में इसे चर्चा के लिए पेश किया जाना भी लगभग असंभव है।
- अमेरिका की 90 प्रतिशत से अधिक जनता हथियारों को लेकर सख्त नियंत्रण वाली नीतियों के पक्ष में है। फिर भी संसद मे ऐसी नीतियों व विधेयक पर न चर्चा हो पाती है और न ही वह पारित होते हैं।
- हथियार समर्थकों में ये
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज एचडब्ल्यू बुश भी एनआरए के सदस्य रहे हैं। हालांकि बाद में एनआरए प्रमुख के एक विवादित बयान के बाद उन्होंने इसकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
- अमेरिका की राजनीति में अहम स्थान रखने वाली सारा पालिन भी इसकी सदस्य हैं। वह अमेरिका में उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुकी हैं।
1934 में अमेरिकी राजनीति में एनआरए का प्रवेश वर्ष उस समय हुआ जब इसने अपने सदस्यों को देश की संसद में पेश होने वाले हथियारों से संबंधित विधेयकों के बारे में सूचित करना आरंभ किया
1968 में गन कंट्रोल एक्ट पारित होने के बाद अमेरिका में एनआरए एक बड़ी शक्ति बन गया और राजनीतिक दबाव बढ़ाना आरंभ कर दिया
1975 में एनआरए ने इंस्टीट्यूट फार लेजिस्लेटिव एक्शन का गठन किया और इसके साथ ही उसने अमेरिका की राजनीति को सीधे तौर पर प्रभावित करना आरंभ कर दिया
1977 में यह सिलसिला और मजबूत हुआ जब एनआरए ने सांसदों की सहायता के लिए खुद की पालिटिकल एक्शन कमेटी का गठन कर लिया। एनआरए का प्रभाव अधिक होने का कारण इसकी विशाल सदस्य संख्या है। इस मामले में गन लाबी के अन्य संस्थान पीछे हैं।
अमेरिकी स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं
की वृद्धि वर्ष 2020 में अमेरिका में गोली मारकर हत्या करने के मामले में हुई

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