रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने फिर दी चेतावनी, ट्रंप बोले- पुतिन से युद्ध खत्म करने दबाव बनाएं भारत और चीन
रूस और यूक्रेन में शांति स्थापित करने की अपनी रणनीति को असफल होते देख राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत चीन जैसे रूस के सहयोगी देशों पर दबाव डालने लगे हैं कि वह मौजूदा युद्ध को समाप्त कराने में सहयोग करें। भारत का कहना है कि वह रूस से तेल खरीद कर वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखता है। इससे कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रखने में मदद मिली है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन में शांति स्थापित करने की अपनी रणनीति को असफल होते देख राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत, चीन जैसे रूस के सहयोगी देशों पर दबाव डालने लगे हैं कि वह मौजूदा युद्ध को समाप्त कराने में सहयोग करें।
अमेरिका दे रहा रूस के सहयोगी देशों को धमकी
यही नहीं अमेरिकी सरकार इन देशों को यह धमकी भी देने लगी है कि अगर उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन को शांति के लिए तैयार नहीं किया तो इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। यह खामियाजा रूस से कारोबार करने के एवज में इन देशों पर अमेरिका की तरफ लगाए गए शुल्क को लेकर होगा।
नाटो सचिव जेनरल मार्क रूट ने मंगलवार को इस बारे में अमेरिकी नीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि, “दिल्ली, बीजिंग या ब्राजील के राष्ट्रपति को रूस के राष्ट्रपति को शांति वार्ता के लिए तैयार करना होगा नहीं तो इसका बहुत बड़ा असर इन देशों पर होगा।''
इन देशों पर लगेगा 100 फीसद अतिरिक्त टैक्स
रूट हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप की उस घोषणा के संदर्भ में उक्त बात कही है जिसके मुताबिक अगर रूस 50 दिनों के भीतर शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं होता है तो उससे सामान खरीदने वाले देशों पर 100 फीसद अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा। जब से यूक्रेन यु्द्ध की शुरुआत हुई है तभी से भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद करने वाला सबसे बड़ा देश बन चुका है।
भारत का कहना है कि वह रूस से तेल खरीद कर वैश्विक तेल बाजार को संतुलित रखता है। इससे कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रखने में मदद मिली है। जबकि अमेरिका व पश्चिमी देशों का कहना है कि भारत तेल खरीद कर रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में परोक्ष तौर पर मदद कर रहा है।
भारत पर ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान टैरिफ का किया एलान
यह हाल के दिनों में दूसरा मौका है जब अमेरिकी प्रशासन ने भारत समेत सभी ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की बात कही है। पिछले दिनों जब ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा था तब राष्ट्रपति ट्रंप ने इस संगठन के भारत समेत सभी देशों पर अतिरिक्त 10 फीसद का सीमा शुल्क लगाने का ऐलान किया था।
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