'भगवान की पूजा करोगे तो नर्क में जाओेगे', हॉस्टल में चल रहा था मतांतरण का गंदा खेल; कई बच्चों का ब्रेनवॉश
अलवर राजस्थान में एक ईसाई मिशनरी हॉस्टल में मतांतरण का मामला सामने आया है। बजरंग दल और विहिप की शिकायत पर पुलिस ने छापेमारी कर हॉस्टल संचालक अमृत सिंह और सोनू राय को गिरफ्तार किया। आरोप है कि गरीब परिवारों के 50 बच्चों पर ईसाई धर्म अपनाने और मूर्ति पूजा का विरोध करने का दबाव डाला जाता था।

जागरण संवाददता, जयपुर। राजस्थान के अलवर में ईसाई मिशनरी हॉस्टल में अच्छी शिक्षा के नाम पर बच्चों के मतांतरण का मामला सामने आया है। यहां पढ़ाई के नाम पर गरीब परिवारों के 50 बच्चों को मूर्ति पूजा का विरोध करने और ईसाई धर्म अपनाने पर जोर दिया जाता था।
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की शिकायत पर पुलिस ने गुरुवार को छापेमारी कर हॉस्टल संचालक अमृत सिंह और सोनू राय को गिरफ्तार कर लिया। बच्चों से पूछताछ में पता चला है कि उन पर मतांतरण का दबाव बनाया जाता था।
एमआईए पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज
इस संबंध में पुलिस ने अलवर के एमआईए पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज की है। जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि हॉस्टल में अच्छी शिक्षा के नाम पर बच्चों का मतांतरण करवाया जाता था। ईसा मसीह की कहानी सुनाई जाती थी। कुछ बच्चे तो इतने दबाव में थे कि उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि हम भगवान को नहीं मानते हैं।
पुलिस ने कुछ बच्चों के अभिभावकों को बुलाकर बातचीत की है। सैयद कालोनी में संचालित इस हॉस्टल में ईसाई धर्मगुरु सेल्वाराज मुख्य भूमिका में रहता था। अमृत और सोनू उसके सहयोगी थे। हॉस्टल में दिल्ली, हनुमानगढ़ और अलवर के बच्चे रह रहे हैं।
हॉस्टल संचालक बच्चों से कहते थे कि भगवान की पूजा करोगे तो नर्क में जाओगे। उनसे सुबह और शाम ईसाई धर्म की प्रार्थना करवाई जाती थी।
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