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    हिंदी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं में भी होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, एआइसीटीई ने दी अनुमति

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 28 May 2021 07:02 AM (IST)

    इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब हिंदी सहित सभी दूसरी भारतीय भाषाओं में भी होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने फिलहाल नए शैक्षणिक सत्र से हिंदी सहित आठ भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

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    इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब हिंदी सहित सभी दूसरी भारतीय भाषाओं में भी होगी।

    नई दिल्ली, जेएनएन। इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब हिंदी सहित सभी दूसरी भारतीय भाषाओं में भी होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने फिलहाल नए शैक्षणिक सत्र से हिंदी सहित आठ भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की मंजूरी दे दी है। आने वाले दिनों में एआइसीटीई की योजना करीब 11 भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की है। इस बीच हिंदी के साथ इसे जिन अन्य सात भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की मंजूरी दी गई है, उनमें मराठी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं।

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    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्‍थानीय भाषा पर जोर

    एआइसीटीई ने यह पहल उस समय की है, जब जर्मनी, रूस, फ्रांस, जापान और चीन सहित दुनिया के दर्जनों देशों में पूरी शिक्षा ही स्थानीय भाषाओं में दी जा रही है। हाल ही में देश में आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्थानीय भारतीय भाषाओं में पढ़ाई पर जोर दिया है।

    ग्रामीण क्षेत्रों के बच्‍चों को होगा फायदा

    सरकार का मानना है कि स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई से बच्चे सभी विषयों को बेहद आसानी से बेहतर तरीके से सीख सकते हैं। जबकि अंग्रेजी या फिर किसी दूसरी भाषा में पढ़ाई से उन्हें दिक्कत होती है। इस पहल से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों से निकलने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि मौजूदा समय में वह इन कोर्सों के अंग्रेजी भाषा में होने के चलते पढ़ाई से पीछे हट जाते हैं।

    11 स्थानीय भाषाओं में भी कोर्स

    एआइसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को आगे बढ़ाते हुए यह पहल की गई है। अभी तो सिर्फ हिंदी सहित आठ स्थानीय भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की अनुमति दी गई है। आने वाले दिनों में 11 स्थानीय भाषाओं में भी इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई करने की सुविधा रहेगी।

    14 इंजीनियरिंग कालेजों ने मांगी अनुमति

    प्रोफेसर सहस्रबुद्धे के मुताबिक अब तक 14 इंजीनियरिंग कालेजों ने ही हिंदी सहित पांच स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने की अनुमति मांगी है, जहां हम इसे शुरू करने जा रहे है। पाठ्यक्रमों को इन सभी भाषाओं में तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। सबसे पहले फ‌र्स्ट ईयर का कोर्स तैयार किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में पिछले कई वर्षों से कुछ संस्थानों में कराई जा रही है। अब इसे विस्तार दिया गया है।

    साफ्टवेयर की मदद से तैयार किया जा रहा कोर्स

    एआइसीटीई ने हिंदी सहित आठ स्थानीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग कोर्स को शुरू करने की अनुमति के साथ ही इन सभी भाषाओं में पाठ्यक्रम को भी तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल इसके लिए साफ्टवेयर की मदद ली जा रही है, जो 22 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने में सक्षम है। इसकी मदद से वह अंग्रेजी में मौजूद पाठ्यक्रम का तेजी से अनुवाद कर सकता है। एआइसीटीई ने हाल ही में अपनी तरह का यह नया साफ्टवेयर तैयार किया है।