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    अल्लू अर्जुन की दलीलों के दौरान क्यों हुआ शाह रुख खान का जिक्र, जानिए जमानत देते हुए अदालत ने क्या-क्या कहा

    Updated: Fri, 13 Dec 2024 07:57 PM (IST)

    Allu Arjun Arrested तेलंगाना हाई कोर्ट में अल्लू अर्जुन के खिलाफ गैर-इदातन हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान शाह रुख खान से जुड़े इसी तरह के एक हादसे का जिक्र किया। अल्लू अर्जुन के वकीलों निरंजन रेड्डी और अशोक रेड्डी ने कहा कि 2017 में फिल्म रईस के प्रमोशन के दौरान वडोदरा स्टेशन पर भगदड़ में शाह रुख खान के एक फैन की मौत हो गई थी।

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    अल्लू अर्जुन को वकील ने हाईकोर्ट में शाह रुख खान का जिक्र किया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 'पुष्पा 2' फिल्म के एक्टर अल्लू अर्जुन (Allu Arjun Arrested) को आज (13 दिसंबर) अरेस्ट किया गया। भगदड़ में महिला की मौत को लेकर निचली अदालत ने अल्लू अर्जुन को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दे दिया। हालांकि, शाम तक तेलंगाना हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है।

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    अल्लू अर्जुन के वकीलों ने क्या दी दलील

    तेलंगाना हाई कोर्ट में अल्लू अर्जुन के खिलाफ गैर-इदातन हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान शाह रुख खान से जुड़े इसी तरह के एक हादसे का जिक्र किया गया।

    अल्लू अर्जुन के वकीलों निरंजन रेड्डी और अशोक रेड्डी ने कहा कि वर्ष 2017 में फिल्म रईस के प्रमोशन के दौरान वडोदरा स्टेशन पर भगदड़ में शाह रुख खान के एक फैन की मौत हो गई थी, लेकिन उन्हें राहत दी गई थी। इसी आधार पर अल्लू अर्जुन को भी जमानत दे दी जाए।

    जब भगदड़ मची तो अभिनेता पहली मंजिल पर थे

    रेड्डी ने दावा किया कि मृतक महिला ग्राउंड फ्लोर पर थी, जहां भगदड़ मची, जबकि अभिनेता पहली मंजिल पर था। उन्होंने आगे तर्क दिया कि न केवल अभिनेता, बल्कि निर्माता ने भी थिएटर को अभिनेता की यात्रा के बारे में सूचित करते हुए पत्र लिखा था।

    रेड्डी ने कहा, "अभिनेता आ रहा था, हर कोई जानता था, पुलिस को भी पता था। यहां अभिनेता कुछ भी सक्रिय रूप से नहीं कर रहा था, जबकि शाहरुख के मामले में अभिनेता ने गेंदें फेंकी, भीड़ उन्हें पकड़ने के लिए कूद पड़ी ।"

    उन्होंने आगे तर्क दिया कि धारा 118 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत आरोप नहीं बनता। "यह खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाता है। पहली नजर में यह लागू नहीं होता है।"

    इसके बाद उन्होंने कहा, "अगर धारा 106 बीएनएस (लापरवाही से मौत) भी लागू होती है, तो अधिकतम सजा क्या है? 5 साल? अर्नेश कुमार का मामला आता है। इस तरह (बिना नोटिस के) गिरफ़्तारी नहीं की जा सकती। कई बार दुखद घटनाएं होती हैं। ऐसे कई मामले हैं, जहां राजनेता रैलियां करते हैं और दुर्घटनाएँ हो सकती हैं। अब मैं अगले चरण पर आता हूँ। अब मैं अंतरिम जमानत मांग रहा हूं।"

    वकील ने अर्नब गोस्वामी मामले का भी किया जिक्र  

    कोर्ट ने रेड्डी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी में पारित फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा, " अर्नब के मामले में, गिरफ्तारी के बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया गया था। मैंने गिरफ्तारी से पहले अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है, तो अदालत अंतरिम जमानत दे सकती है। "

    निर्णय को पढ़ते हुए रेड्डी कहते हैं, "एक दिन के लिए भी स्वतंत्रता से वंचित करना बहुत ज्यादा है। "

    रेड्डी ने लंच प्रस्ताव का विरोध करने वाले पीपी पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह देश का कानून है और तेलंगाना हाईकोर्ट ने दो मामलों में इसका पालन किया है।

    रेड्डी ने कहा,"हमारा उच्च न्यायालय एकमात्र उच्च न्यायालय नहीं है, बम्बई उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने भी इसकी अनुमति दी है ।"

    उन्होंने कहा कि अल्लू अर्जुन के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले पुलिस वाले लोगों को वहां से हटाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभिनेता और पीड़ित एक ही मंजिल पर नहीं थे।

    उन्होंने कहा," यह कहना कि यह गैर इरादतन हत्या है। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस कहेगी कि हम जिम्मेदार नहीं हैं, कोई और जिम्मेदार है। यह पूरी तरह से हास्यास्पद है और मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है, वह बहुत स्पष्ट है, अंतरिम आदेश की अनुमति है।"

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