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    18 साल से कम के 30 लाख लोग करते हैं अल्कोहल का प्रयोग, जानें इसके नुकसान

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jan 2020 02:49 PM (IST)

    Alcohol Consumption 18 साल से कम के आयुवर्ग में अल्कोहल लेने वालों की संख्या में इजाफा 1.3 फीसद की दर से हुआ है। वहीं इसी आयुवर्ग के 20 लाख लोग भांग का प्रयोग करते हैं।

    18 साल से कम के 30 लाख लोग करते हैं अल्कोहल का प्रयोग, जानें इसके नुकसान

    नेशनल डेस्क, नई दिल्ली। Alcohol Consumption Is Injurious To Health देश में 10 से 17 वर्ष की आयु के 30 लाख लोग अल्कोहल लेते हैं। यह जानकारी बीते दिनों संसद में सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय ने संसद में दी है। साथ ही यह भी बताया गया है कि इस आयुवर्ग में अल्कोहल लेने वालों की संख्या में इजाफा 1.3 फीसद की दर से हुआ है। वहीं, इसी आयुवर्ग के 20 लाख लोग भांग का प्रयोग करते हैं। इसका इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 0.9 फीसद की दर से इजाफा देखा गया है।

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    रिपोर्ट के मुताबिक, इस आयुवर्ग के 40 लाख लोग अफीम का इस्तेमाल करते हैं और इनमें वृद्धि की दर 1.8 फीसद है। सीडेटिव (शामक औषध) और इन्हेलेंट लेने वालों की संख्या क्रमश: 20 लाख और 30 लाख है। इसे लेने वालों की संख्या में इजाफे की बात की जाए तो सीडेटिव का प्रयोग करने वालों में 0.58 फीसद और इन्हेलेंट का प्रयोग करने वालों में 1.17 फीसद की दर से वृद्धि देखी गई है।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि चार लाख से अधिक लोग एम्फैटेमिन प्रकार के नशीले पदार्थ (एटीएस) का प्रयोग करते हैं। इनके प्रयोग करने वालों की संख्या में 0.18 फीसद की दर से वृद्धि देखी गई है। इसके बाद कोकीन और हल्लुसिनोंगे का प्रयोग करने वालों का नंबर आता है। 10 से 17 साल की आयु में इसका प्रयोग करने वालों की संख्या दो-दो लाख है और इनमें वृद्धि क्रमश: 0.06 फीसद और 0.07 फीसद की दर से दर्ज की गई है।

    5.1 करोड़ वयस्क अल्कोहल का करते हैं प्रयोग

    इस रिपोर्ट में 18 से 75 आयु वर्ग के लोगों के आंकड़ों के बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 15.1 करोड़ वयस्क अल्कोहल का प्रयोग करते हैं और इनमें 17.10 फीसद की दर से वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, 2.9 करोड़ वयस्क भांग का इस्तेमाल करते हैं और इनमें 3.30 फीसद की दर से वृद्धि देखी गई है। अफीम की बात की जाए तो 1.9 करोड़ वयस्क इसे लेते हैं और इनमें वृद्धि 2.1 फीसद की दर से देखी गई है। सीडेटिव का प्रयोग 1.1 करोड़ लोग और इन्हेलेंट का 60 लाख करते हैं।

    इनमें वृद्धि क्रमश

    1.21 फीसद और 0.58 फीसद की दर से देखी गई है। इसके अलावा एटीएस का प्रयोग 20 लाख वयस्क करते हैं और इनमें वृद्धि की दर 0.18 फीसद रही, जबकि हल्लुसिनोंगे और कोकीन का इस्तेमाल करने वालों में क्रमश: 0.13 फीसद और 0.11 फीसद की दर से वृद्धि देखी गई। ये आंकड़े 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर किए गए एक सर्वेक्षण के द्वारा एकत्र किए गए हैं। मंत्रालय ने अपने जवाब में यह भी बताया था कि नशीले पदार्थों के प्रयोग में कमी लाने के लिए 2018- 25 के लिए नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (एनएपीडीडीआर) तैयार किया गया है और इसे लागू किया जा रहा है।

    दो राज्यों में पाबंदी

    बता दें कि गुजरात और बिहार में शराब बेचने पर पाबंदी है। वहीं, 10 ऐसे राज्य हैं जहां की 20 फीसद से ज्यादा आबादी अल्कोहल लेती है। इनमें छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और गोवा प्रमुख हैं। बिहार और गुजरात को छोड़ दें तो राजस्थान और मेघालय में शराब पीने वाले लोग सबसे कम हैं। राजस्थान में 2.1 फीसद और मेघालय में 3.4 फीसद लोग शराब पीते हैं। वहीं, त्रिपुरा की 62 फीसद आबादी अल्कोहल का प्रयोग करती है। छत्तीसगढ़ में 57.2 प्रतिशत और पंजाब में 51.70 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं।

    ज्‍यादा शराब पीने के नुकसान

    शोधकर्ताओं के अनुसार शराब का अधिक सेवन से 60 से अधिक बीमारियों के साथ जुड़ा होता है। यहां पर शराब से नुकसानों के बारे में बताया गया है।

    कैंसर

    शराब के अधिक उपयोग से मुंह, गले, ग्रासनली, लीवर, स्तन, पेट और मलाशय के कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक रहता हैं।

    हृदय रोग

    अधिक शराब पीने के कारण प्लेटलेट्स की ब्‍लड क्लॉट्स के रूप में जमा होने की संभावना अधिक होती है जिसके कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो सकता है।

    एनीमिया

    बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने से ऑक्‍सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्‍या असामान्‍य रूप से कम होने का कारण बनता है। 

    सोरायसिस

    लीवर सेल्‍स के लिए शराब जहर के सामान है। अधिक शराब पाने वाले अनेक लोगों को सिरोसिस की शिकायत रहती हैं जो कि कभी-कभी घातक हालत सिद्ध होती है। 

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