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    जासूसी के आरोपित अख्तर ने 19 हजार में बनवाए फर्जी आधार और पैन, हासिल कर लिया पासपोर्ट

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:45 AM (IST)

    भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) का फर्जी विज्ञानी बनकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों की जासूसी करने वाले अख्तर हुसैन कुतुबुद्दीन अहमद ने महज 19,000 रुपये खर्च कर एक ईसाई नागरिक के रूप में फर्जी पहचान पाई थी। यही नहीं, वह अंतराष्ट्रीय फोन काल भी करता था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अख्तर को गिरफ्तार करने के बाद खान को भी धर दबोचा।

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    जासूसी के आरोपित अख्तर ने 19 हजार में बनवाए फर्जी आधार और पैन (सांकेतिक तस्वीर)

    मिड-डे, मुंबई। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) का फर्जी विज्ञानी बनकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों की जासूसी करने वाले अख्तर हुसैन कुतुबुद्दीन अहमद ने महज 19,000 रुपये खर्च कर एक ईसाई नागरिक के रूप में फर्जी पहचान पाई थी।

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    फर्जी आधार कार्ड की विदेश यात्रा

    उसने फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए यह रकम झारखंड के मुनज्जिल खान को दी थी और उसने अख्तर के लिए 'एलेक्जेंडर पॉल्मर' नाम से फर्जी आधार, पैन और पासपोर्ट दस्तावेज तैयार कराए यानी उसे एक नई पहचान दिलाई। पॉल्मर के पासपोर्ट के आधार पर ही अख्तर ने कई बार विदेश यात्रा की।

     खान को एक नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखा गया है

    यही नहीं, वह अंतराष्ट्रीय फोन काल भी करता था। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अख्तर को गिरफ्तार करने के बाद खान को भी धर दबोचा। एक मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने अख्तर को 12 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि खान को एक नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।

     मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि खान जमशेदपुर में एशिया इंटरनेशनल मानव संसाधन परामर्श कंपनी चलाता था। उसने बिना किसी सहायक दस्तावेज के अख्तर के फर्जी आधार और पैन कार्ड तैयार किए।

     अख्तर का नाम एलेक्जेंडर पाल्मर दर्शाया गया

    जांच में यह पाया गया कि अहमद ने 2016 में फर्जी पहचान के लिए खान को 19,000 रुपये का भुगतान किया था। इसमें अख्तर का नाम एलेक्जेंडर पाल्मर दर्शाया गया और उसका पता जमशेदपुर के ग्रेस बाइबल क्षेत्र का दिया गया जोकि बड़ी ईसाई आबादी वाला क्षेत्र है।

     पुलिस ने कहा कि अहमद ने बाद में 2017 में एलेक्जेंडर पाल्मर नाम से भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए इन फर्जी आधार और पैन कार्ड का उपयोग किया। यही नहीं, इस पासपोर्ट का 2022 और 2025 में दो बार खान की मदद से नवीनीकरण भी कराया गया ।

     अख्तर मूल रूप से जमशेदपुर का ही निवासी है

    पुलिस सूत्रों ने कहा कि अख्तर मूल रूप से जमशेदपुर का ही निवासी है और उसने 1996 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने पैतृक घर को बेच दिया था, लेकिन वह क्षेत्र में आना-जाना जारी रखता था।

     उन्होंने यह भी पाया कि अख्तर के खिलाफ मेरठ के कंकरखेड़ा पुलिस स्टेशन में उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और नफरत और असंतोष पैदा करने के आरोप में एक मामला दर्ज है। अधिकारियों के अनुसार, अहमद को 2004 में दुबई से निर्वासित किया गया था, जहां वह पहले काम कर रहा था।

     मुंबई पुलिस ने अख्तर से ये दस्तावेज किए जब्त

    एलेकजेंडर पाल्मर के नाम पर जारी तीन पासपोर्ट- एलेक्जेंडर पाल्मर के नाम पर आधार और पैन कार्ड- एलेक्जेंडर पाल्मर के नाम पर ड्राइ¨वग लाइसेंस- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई का पहचान पत्र, जिसमें नाम अली रेजा होसेनी और आरोपी की तस्वीर है- विभिन्न स्कूलों और कालेजों से एलेक्जेडर पाल्मर के नाम पर जारी शैक्षणिक प्रमाणपत्र- तीन मोबाइल फोन।