अखिलेश ने किया मंत्रिमंडल विस्तार, 12 को शपथ
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। समय से पहले लोकसभा चुनाव के अंदेशे के मद्देनजर सपा ने कील-कांटे दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार गठन के 11वें महीने गुरुवार को मंत्रिमंडल को जो विस्तार हुआ है यह उसी की कड़ी माना जा रहा है।
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। समय से पहले लोकसभा चुनाव के अंदेशे के मद्देनजर सपा ने कील-कांटे दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार गठन के 11वें महीने गुरुवार को मंत्रिमंडल को जो विस्तार हुआ है यह उसी की कड़ी माना जा रहा है।
इस विस्तार के जरिए सपा ने अपने जातीय-क्षेत्रीय समीकरणों को दुरुस्त करने के साथ मंत्रिमंडल में युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने का भी काम किया है। राजनाथ सिंह के भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद क्षत्रिय मतों को रोकने, राममंदिर आंदोलन को हवा मिलने के कारण अयोध्या को तरजीह देने व कांग्रेस के गढ़ रायबरेली-अमेठीमें पकड़ मजबूत करने की कोशिश सपा ने इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए की है।
ब्राह्माण वोटरों को लुभाने के मकसद से इस विस्तार में सबसे ज्यादा ब्राह्माण विधायकों को जगह दी गई है। माना जा रहा है कि इसके पीछे सपा की मंशा लोकसभा चुनाव में बसपा व भाजपा के ब्राहमण मतों को अपनी ओर आकर्षित करना है।
12 मंत्रियों को शपथ
अखिलेश सरकार के गुरुवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 12 मंत्रियों को शपथ दिलाई गयी। इनमें एक को कैबिनेट, एक को राज्यमंत्री [स्वतंत्र प्रभार] और दस को राज्यमंत्री बनाया गया है। शपथ लेने वाले बारह मंत्रियों में पार्टी के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। विजय कुमार मिश्रा स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री बने हैं। राम मूर्ति सिंह वर्मा, विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह, विजय बहादुर पाल, आलोक कुमार शाक्य, रामशकल गुर्जर, मनोज कुमार पांडेय, गायत्री प्रसाद प्रजापति, नितिन अग्रवाल, पवन पांडेय और योगेश प्रताप सिंह राज्यमंत्री बनाये गए हैं। शपथ लेने वालों में चार अन्य पिछड़े वर्ग के हैं, जबकि तीन ब्राह्माण, दो राजपूत, एक जाट, एक गुर्जर और एक वैश्य को जगह दी गई है।
पहला विस्तार
15 मार्च को अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह मंत्रिमंडल का पहला विस्तार है। अब कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 20, स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री पांच और 33 राज्य मंत्री यानी कुल सदस्यों की संख्या 58 हो गयी है। वैसे सूबे के मंत्रिमंडल में अधिकतम 60 सदस्य हो सकते हैं। सरकार गठन के वक्त बने 48 सदस्यीय मंत्रिमंडल में कामेश्वर उपाध्याय का निधन हो जाने और विवाद के चलते विनोद सिंह के इस्तीफे से यह संख्या 46 रह गयी थी।
राज्यपाल बीएल जोशी ने राजभवन मे एक समारोह मे नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित मंत्रिमंडल के शिवपाल सिंह यादव, अहमद हसन, महेन्द्र अरिदमन सिंह, बलराम यादव, अवधेश प्रसाद सिंह आदि सदस्य मौजूद थे।
दागदार छवि से गुरेज नहीं
भले ही इस विस्तार को चुनावी तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा हो, पर मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह की वापसी से आरोप लगने लगे हैं कि सरकार को दागदार छवि वालों से कोई गुरेज नहीं है। गोंडा के सीएमओ के साथ मारपीट और उनका अपहरण करने के आरोप में विनोद सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता देखना पड़ा था। जांच पूरी न होने के बावजूद उनकी वापसी को लेकर विपक्ष ने सरकार को निशाने पर ले लिया है।
युवाओं को तरजीह
अखिलेश यादव ने युवाओं को तरजीह देकर अपने मंत्रिमंडल को कुछ 'जवान' बनाने की कोशिश की है। मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नितिन अग्रवाल सबसे कम उम्र के हैं। वह सांसद नरेश अग्रवाल के पुत्र हैं। तेजनारायण उर्फ पवन पांडेय, आलोक कुमार शाक्य, रामशकल गुर्जर, मनोज पांडेय, गायत्री प्रसाद प्रजापति, पंडित सिंह भी युवाओं में ही शुमार किये जाते हैं।
वीआइपी क्षेत्रों पर नजर
विस्तार के जरिए सपा ने उन वीआइपी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की भी कोशिश की है, जहां से भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों की जीत-हार का संदेश पूरे देश में जाता है। राम मंदिर मुद्दे को एक बार फिर से हवा देने में जुटी भाजपा को सबक सिखाने के लिए अस अयोध्या के विधायक तेजनारायण उर्फ पवन पांडेय को मंत्री बनाना इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। वैसे पिछली बार फैजाबाद संसदीय सीट से कांग्रेस के निर्मल खत्री ने परचम लहराया था जो इस वक्त कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी-रायबरेली को भी खासा महत्व दिया गया है। अमेठी (छत्रपति साहूजी महाराजनगर) के विधायक गायत्री प्रसाद प्रजापति व ऊंचाहार रायबरेली के मनोज कुमार पांडेय को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे इलाके में सपा का रुतबा कायम करना माना जा रहा है। गौरतलब है कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव के संसदीय क्षेत्र कन्नौज से विजय बहादुर पाल को और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी से आलोक कुमार शाक्य को मंत्रिमंडल में शामिल कर क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
गोंडा से दो राजपूत विधायकों विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह और योगेश प्रताप सिंह उर्फ योगेश भइया को मंत्रिमंडल में शामिल कर वहां क्षत्रिय समीकरण को दुरुस्त कर स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की राह में कांटे बिछाने की कोशिश की गयी है।
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