अजमेर: तालाबों पर चली चादर, गांवों में खुशी की लहर, 50 साल बाद फूलसागर तालाब ओवरफ्लो
अजमेर में मानसून की बारिश ने शहरवासियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी लेकिन आसपास के गांवों के लिए यह वरदान साबित हुई है। कई तालाब सालों बाद पानी से लबालब हो गए हैं जिससे ग्रामीणों में खुशी है। कायड़ के फूलसागर तालाब पर 50 साल बाद चादर चलने से जश्न का माहौल है। वहीं नसीराबाद के देराठू गांव में तालाब की चादर चलने से सड़कें दरिया बन गई हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अजमेर में मानसूनी बारिश ने जहां शहरवासियों के लिए मुसीबतें खड़ी कर दी हैं, वहीं आसपास के गांवों और उपखंडों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रही। बीते 24 से 48 घंटों में जोरदार बरसात से कई तालाब सालों बाद पानी से लबालब हो गए हैं। गांव-गांव तालाबों पर चल रही चादर यानी ओवरफ्लो ने ग्रामीणों के चेहरे खिलाए हैं।
कायड़ के फूलसागर तालाब की पाल पर 50 साल बाद चादर चलने पर गांव में जश्न का माहौल है। लोगों ने लड्डू बांटे और तालाब की पाल पर भारी भीड़ जुट गई। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हर कोई तालाब की पाल से बहते पानी का नजारा देखने उमड़ पड़ा। अजमेर के मुख्य आनासागर, वरुण सागर, चौरसियावास तालाब, श्रीनगर तालाब, कायड़ तालाब, निकटवर्ती किशनगढ़, नसीराबाद के तालाबों में जल संचय से लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। पुष्कर के निकट लोग नाग पहाड़ के झरनों का आनंद लेने पहुंच रहे हैं।
तालाबों पर चली चादर
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने कभी जवानी के दिनों यानी सन 1975 में बारिश के दौरान आखिरी बार तालाब की पाल से चादर चलते देखी है। इसके बाद कभी भी तालाब पूरा नहीं भरा। इस बार इंद्रदेव की कृपा बरसी और तालाब की चादर चल पडी। पचास साल, 1 माह और 20 दिन बाद चादर चलने का मौका आया है।
तालाब की चादर चलना ईश्वर की कृपा- ग्रामीण
ग्रामीण एडवोकेट शहाबुद्दीन ने बताया कि दशमी जैसे शुभ दिन तालाब की चादर चलना निसंदेह ईश्वर की कृपा है। सभी ने ढोल बजाकर खुशी जताई। आलम यह है कि तालाब की पाल पर पिकनिक स्पॉट जैसा नजारा बना हुआ। आस पास के गांवों से भी ग्रामीण तालाब की पाल से चल रही चादर को देखने आ रहे हैं।
गोरधा बांध ओवरफ्लो, पंचायत प्रशासन ने जारी किए आदेश
सावर के गोरधा बांध के ओवरफ्लो होने और पुलियाओं पर पानी बहने से हालात बिगड़े। स्थिति को देखते हुए ग्राम पंचायत गोरधा प्रशासन ने लेटर जारी कर ग्रामीणों को सतर्क रहने, अनावश्यक घर से बाहर न निकलने और पानी भरे क्षेत्रों से दूर रहने के आदेश दिए हैं।
तालाब की चादर चलने से सड़कें बनी दरिया
नसीराबाद के निकटवर्ती देराठू गांव में राताखेड़ा तालाब की चादर चलने के बाद सड़कें दरिया बन गई हैं। देरांठू नसीराबाद सड़क मार्ग बंद हो गया है। तालाब की चादर के पानी निकासी के रास्ते पर सरकारी नाले पर किया हुआ अतिक्रमण अब परेशानी का सबब बना प्रतीत होने लगा है।
अजमेर का वरुण सागर ओवरफ्लो
अजमेर का वरुण सागर जिसे फायसागर के नाम से भी जाना जाता है अपनी भराव क्षमता 26 फीट से ओवरफ्लो हो रहा है। यहां से निकलने वाला जल बाडी नदी से होता हुआ आस पास के अनेक तालाबों को जलमग्न कर रहा है। कई खेत और कॉलोनियां सागर से निकले पानी की जद में आ गए हैं।
आनासागर में चूंकि प्रशासन ने पहले ही भराव क्षमता से कम पानी संचित कर रखा है इसलिए अभी आनासागर से ओवर फ्लो नहीं हुआ है। पूर्व में मानसून के चलते 13 फीट से अधिक पानी की आवक होने पर आनासागर के गेट खोल कर शहर के पॉश इलाकों को डूब से बचाया गया था।
पुष्कर में नाग पहाड़ी के झरने उफान पर
उधर, तीर्थ राज पुष्कर में इस बार फिर से नाग पहाड़ी के झरने उफन गए हैं। वहीं नदियों व फीडरों से पुष्कर सरोवर में पानी की आवक बनी हुई है। पिछले चौबीस से अड़तालीस घंटों में पुष्कर सरोवर में 5 से 6 फीट पानी की आवक बताई जा रही है। इससे सरोवर का जल स्तर 25 से 26 फीट हो गया है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने सरोवर के किनारे बने होटलों व रेस्टोरेंट मालिकों को सतर्क कर दिया है।
एसडीओ गौरव कुमार के निर्देश पर तहसीलदार इंद्रजीत चौहान ने सिविल डिफेंस की टीम के सहयोग से जल भराव वाले क्षेत्रों से होटलों को खाली करवाया है।
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