'अगर मराठी नहीं आती तो...', भाषा के नाम पर हो रही हिंसा को लेकर अजित पवार का बड़ा बयान
महाराष्ट्र में गैर-मराठी भाषियों के साथ बदसलूकी के मामलों पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि अगर मराठी नहीं आती तो विनम्रता से कहें कि मैं सीख रहा हूँ। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में रहें वहाँ की भाषा का सम्मान करें। पवार ने ये टिप्पणी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा गैर-मराठी भाषी लोगों के साथ की गई बदसलूकी के बाद की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गैर मराठी भाषी लोगों के साथ हो रही मारपीट और अभद्रता के कई मामले सामने आने के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपनी तरफ से एक सुझाव दिया है। अजित पवार ने कहा कि ऐसी स्थिति में आपको शालीनता से कह देना चाहिए कि मैं सीख रहा हूं।
दरअसल महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता के नाम पर गैर मराठी भाषी लोगों के साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के लोगों ने कई बार बदसलूकी की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हरकत पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि हिंसा अस्वीकार्य है। लेकिन राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं का पक्ष लिया था।
'जहां रहते हैं, वहां की भाषा का सम्मान जरूरी'
अब मामले में अजित पवार की टिप्पणी भी आ गई है। उन्होंने कहा है कि यहां रहने वाले जिन लोगों को मराठी नहीं आती, उन्हें विनम्रता से कहना चाहिए कि हमें मराठी नहीं आती, हम सीख रहे हैं। अगर आप ऐसा कहेंगे, तो कोई परेशानी नहीं होगी।
पवार ने कहा कि 'आप जिस राज्य में रहते हैं, वहां की भाषा का सम्मान करना चाहिए। महाराष्ट्र से लेकर जम्मू-कश्मीर तक सभी को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए।' पवार ने कहा कि 'कभी-कभी ऐसा हो जाता है कि कुछ लोग प्रतिक्रिया देते हैं, अहंकारी हो जाते हैं। लेकिन ये सब काम नहीं आता।'
उन्होंने कहा कि 'आप जहां काम करते हैं, वहां के लोग क्या कहते हैं, उनकी सोच क्या है, कभी-कभी आपको इन सब बातों पर विचार करना चाहिए और सभी को खुशी से रहना चाहिए।' उधर निशिकांत दुबे के 'पटक-पटकर मारेंगे' वाले बयान पर जब महिला सांसदों ने उन्हें घेरा, तो दुबे 'जय महाराष्ट्र' कहकर वहां से निकल गए।
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