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    Video: 'इतना डेरिंग हुआ है क्या?', महिला IPS अफसर और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच तीखी बहस

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 08:14 AM (IST)

    महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा में हैं। वीडियो में उन्हें सोलापुर में एक महिला आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर धमकाते हुए दिखाया गया है जिसने अवैध मुरम खनन के खिलाफ कार्रवाई की थी। अजित पवार ने फोन पर अधिकारी को डांटा और कार्रवाई रोकने के लिए कहा। इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।

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    सोलापुर के करमाला तालुका के कुरडु गांव में दो दिन पहले ये घटना हुई।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार एक बार फिर चर्चा में हैं। इस चर्चा की वजह एक वायरल वीडियो हैं जिसमें वह सोलापुर की एक महिला आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर धमकाते नजर आ रहे हैं।

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    ये मामला अवैध मुरम (रेत जैसी मिट्टी) खनन को लेकर है, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने गईं अफसर को अजित पवार ने फोन पर कथित रूप से डांट लगाई। ये वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है और लोग सवाल उठा रहे हैं।

    दरअसल सोलापुर के करमाला तालुका के कुरडु गांव में दो दिन पहले ये घटना हुई। वहां अवैध मुरम खनन की शिकायत पर सब-डिविजनल पुलिस अफसर (DSP) अंजना कृष्णा कार्रवाई करने पहुंची थीं।

    सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मुरम के अवैध खनन को रोकने के लिए अफसर ने सख्त कदम उठाए। लेकिन गांव वालों ने इसका विरोध किया। इस बीच, NCP के स्थानीय कार्यकर्ता बाबा जगताप ने कथित तौर पर सीधे अजित पवार से फोन पर बात कराई।

    'इतना डेरिंग हुआ है क्या?'

    वीडियो में साफ सुनाई देता है कि अजित पवार, बाबा जगताप के फोन पर DSP अंजना कृष्णा से बात कर रहे हैं। अंजना ने उनसे कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उपमुख्यमंत्री से बात कर रही हूं। कृपया मेरे नंबर पर सीधे कॉल करें।"

    इस बात पर अजित पवार भड़क गए। उन्होंने गुस्से में जवाब दिया, "एक मिनट, मैं तेरे ऊपर एक्शन लूंगा। मैं खुद बात कर रहा हूं और तू कह रही है सीधे कॉल करो? इतना डेरिंग हुआ है क्या?"

    इसके बाद अजित पवार ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल की, जिसमें उन्होंने अफसर को कार्रवाई रोकने के लिए कहा। अंजना ने सफाई दी कि उन्हें नहीं पता था कि वो अजित पवार से बात कर रही हैं।

    इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक बड़े नेता को इस तरह एक अफसर को धमकाना शोभा देता है? वहीं, कुछ का कहना है कि अजित पवार ने सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की थी।

    NCP ने बचाव में क्या कहा?

    NCP ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा कि अजित पवार की बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

    पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा, "अजित दादा ने सिर्फ कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए अफसर को डांटा, उनका इरादा कार्रवाई रोकना नहीं था। वो कभी गैरकानूनी काम का समर्थन नहीं करते।"

    पार्टी के प्रवक्ता आनंद परांजपे ने भी कहा कि ये वीडियो जानबूझकर गलत रंग दिया जा रहा है। उनके मुताबिक, अजित पवार सिर्फ हालात को काबू में करने की कोशिश कर रहे थे।

    दूसरी तरफ, विपक्ष ने इस मौके को भुनाने में देर नहीं की। कई नेताओं ने आरोप लगाया कि अजित पवार ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और एक ईमानदार अफसर को डराने की कोशिश की।

    इस मामले में DSP अंजना कृष्णा, तहसीलदार, और सब-डिविजनल अफसर ने कोई खुलकर टिप्पणी नहीं की। सभी ने बस इतना कहा कि मामला जांच के दायरे में है। अभी तक कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है। NCP का दावा है कि ये वीडियो जानबूझकर लीक किया गया ताकि अजित पवार को बदनाम किया जाए।

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