Kozhikode Plane Crash: एसओपी का पालन नहीं करना विमान हादसे का संभावित कारण
Kozhikode Plane Crash रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन नहीं करना हादसे का संभावित कारण हो सकता है। लेकिन एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने पिछले साल अगस्त में कोझिकोड हवाई अड्डे पर हुई विमान हादसे की जांच रिपोर्ट शनिवार को जारी की। इस दुर्घटना में कम-से-कम 20 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन नहीं करना हादसे का संभावित कारण हो सकता है। लेकिन एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती है।
पिछले साल सात अगस्त को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बी737-800 विमान केरल के कोझिकोड हवाई अड्डे पर दुर्घटना का शिकार हो गया था। विमान दुबई से आ रहा था और हवाई अड्डे पर रनवे से बाहर निकल गया था। फिर इसके टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। इस विमान में 190 लोग सवार थे। दोनों पायलटों समेत कम-से-कम 20 लोगों की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे।
दुर्घटना के लगभग साल भर बाद जारी रिपोर्ट कहती है, दुर्घटना का संभावित कारण पीएफ (पायलट फ्लाइंग) द्वारा एसओपी का पालन नहीं करना था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट ने अस्थिर दृष्टिकोण जारी रखा और विमान को उतारने वाले जोन से आगे उतारा। आधे रनवे पर उतारा। बावजूद इसके पायलट मानिटरिंग (पीएम) ने विमान को उड़ाने (गो अराउंड) को कहा था।
बता दें कि पिछले महीने नागर विमानन राज्यमंत्री वीके सिंह ने लोकसभा को बताया था कि हादसे में मारे गए लोगों के निकटतम रिश्तेदारों को अंतिम मुआवजा प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन अबतक किसी ने स्वीकृति नहीं दी है। घायल 165 में से 73 यात्रियों ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिन्हें समग्र रूप से 60.35 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है।
इस हादसे को लेकर तत्कालीन नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अंतरिम राहत के रूप में प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली चोटों वालों को 50,000 रुपये का भुगतान करने का एलान किया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।