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दिल्ली NCR में AQI- 332: काफी खराब कैटेगरी में है हवा , जानें- यूपी व बिहार समेत इन राज्यों के हाल

क्या देश के अन्य राज्यों के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) नियंत्रण में है ? क्या अन्य शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की आवश्यकता नहीं है ? कानपुर आगरा लखनऊ मुरादाबाद पटना अमृतसर धनबाद भोपाल लखनऊ और ग्वालियर जैसे शहरों की सुध नहीं ली जाती।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 06:45 AM (IST)
दिल्ली NCR में AQI- 332:  काफी खराब कैटेगरी में है हवा , जानें- यूपी व बिहार समेत इन राज्यों के हाल
दिल्ली एनसीआर ही नहीं, देश के अन्य शहरों की भी हवा बेहद खराब।

जागरण टीम, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक है। शुक्रवार सुबह  SAFAR की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, दिल्ली में AQI 332 है जो काफी खराब कैटेगरी में आती है।  बता दें कि सरकार और नियामक संस्थाएं यहां वायु गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या केवल दिल्ली एनसीआर की हवा की गुणवत्ता ही स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। क्या देश के अन्य राज्यों के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) नियंत्रण में है। क्या अन्य शहरों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की आवश्यकता नहीं है। कानपुर, आगरा, लखनऊ, मुरादाबाद, पटना, अमृतसर, धनबाद, भोपाल, लखनऊ और ग्वालियर जैसे शहरों की सुध नहीं ली जाती। जबकि इन शहरों में एक्यूआइ की स्थिति बहुत खतरनाक स्तर पर भी पहुंची है। आइए समझें कि देश के अन्य राज्यों के प्रमुख शहरों की हवा सांसों के लिए कितनी खतरनाक है ताकि जिम्मेदार चेतें और इन शहरों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय करें:

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उप्र: सभी प्रमुख शहरों में एक्यूआइ 200 पार

सर्दी बढ़ने के साथ उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों का एक्यूआइ 200 से अधिक है। गुरुवार को लखनऊ का एक्यूआइ 241 रहा। आगरा में एक से 17 नवंबर तक औसत एक्यूआइ 351 तक पहुंच गया। आठ नवंबर को आगरा देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। पीतल नगरी मुरादाबाद तीन से 18 नवंबर तक 11 बार 300 के पार प्रदूषण का स्तर जाने से रेड जोन में बनी हुई है। गुरुवार को गोरखपुर में 308, वाराणसी में 340, कानपुर में 264 और प्रयागराज में 255 एक्यूआइ रहा।

राजस्थान: जयपुर समेत कई शहर रेड जोन में

राजस्थान के कुछ शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है। राज्य के पर्यावरण सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि नवंबर में एयर क्वालिटी का स्तर गिरा है। जयपुर, कोटा, अलवर और भरतपुर में एक्यूआई 250 से 300 तक चल रहा है। ये शहर रेड जोन में हैं। कोटा में 13 नवंबर को एक्यूआई 322 दर्ज किया गया। भिवाड़ी में 14 नवंबर को एक्यूआई 400 रहा। भिवाड़ी में कार चलाने पर शुक्रवार सुबह 6 बजे से आगामी आदेश तक प्रतिबंध रहेगा। मालवाहक वाहन चल सकेंगे।

मध्य प्रदेश : तीन बड़े शहरों में हवा जहरीली

बीते एक सप्ताह से ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर का औसत एक्यूआइ 255 से 300 के आसपास है। गुरुवार को बीते 24 घंटे में ग्वालियर का एक्यूआइ 302, भोपाल का 290, जबलपुर का 304 रहा। इंदौर का एक्यूआइ 228 रहा है।

पंजाब : अमृतसर सबसे प्रदूषित शहर

पंजाब में 14 नवंबर से पराली जलाने के मामलों में आई कमी के बाद राज्य के एक्यूआइ में सुधार दर्ज किया गया है। हालांकि, गुरुवार को अमृतसर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां का एक्यूआइ 301 रिकार्ड किया गया। दीवाली की रात दो घंटे के लिए लुधियाना में प्रदूषण का स्तर 500, जबकि अमृतसर में 400 पहुंच गया था।

बिहार: पटना और मुजफ्फरपुर में असर

गुरुवार को पटना का एक्यूआइ 292 रहा जबकि मुजफ्फरपुर में एक्यूआइ का ग्राफ 306 पर पहुंच गया। इन शहरों के निवासियों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।

झारखंड: धनबाद की हवा हो रही जहरीली

गुरुवार को धनबाद का एक्यूआइ 186 दर्ज किया गया। यह राष्ट्रीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) से अधिक है। रांची का हाल बेहतर है। दीपावली के कुछ दिनों को छोड़ दें तो यहां एक्यूआइ 92 के आसपास रहा।

हिमाचल: बद्दी में राष्ट्रीय मानक के पार एक्यूआइ

हिमाचल के बद्दी में 11 से 16 नवंबर के बीच एक्यूआइ 197 रहा। 11 नवंबर को पांवटा साहिब में 128.4, डमटाल में 95, कालाअंब में 91.9, नालागढ़ में 115 और ऊना में एक्यूआइ 98.96 रहा।

क्या कह रहे एक्सपर्ट 

एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) की काउंसिल आन एनर्जी की प्रोग्राम लीड तनुश्री गांगुली ने कहा कि वायु प्रदूषण से जुड़ी सारी चर्चा दिल्ली एनसीआर के शहरों तक सीमित है, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकडे़ देखें तो सिंधु-गंगा मैदान के आगरा, लखनऊ, कानपुर व ऐसे दूसरे शहरों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वार्षिक स्वीकार्य सीमा से दो से तीन गुना ज्यादा दर्ज किया गया है। इस समय प्रदूषण स्तर को स्थानीय स्त्रोतों से होने वाला उत्सर्जन और विपरीत मौसमी परिस्थितियां तय कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन को तत्काल कदम उठाना चाहिए कि शहरों में बेघर आबादी के पास गर्म कपड़े व कंबल और सुरक्षाकर्मियों को इलेक्टि्रक हीटर मिल सकें, जिससे उन्हें सर्दी से बचाव के लिए आग जलाने की जरूरत न पड़े। इसके अलावा परिवहन, सड़क और निर्माण गतिविधियों से निकलने वाली धूल और शहरी कचरे के निपटान को नियंत्रित किए जाने की जरूरत है।

ऐसे समझें एक्यूआइ

एक्यूआइ-स्तर

0-50 -अच्छा

51-100- संतोषजनक

101-200- थोड़ा प्रदूषित

201-300- खराब

301-400 -बहुत खराब

401 से अधिक- अत्यधिक खतरनाक

किस शहर में किस दिन सर्वाधिक एक्यूआइ

तिथि-शहर- एक्यूआइ

नौ नवंबर-ग्वालियर-496

आठ नवंबर-आगरा-486

चार नवंबर-मुरादाबाद-414

13 नवंबर-कोटा-322

17 नवंबर-अमृतसर-301

17 नवंबर-पटना-292

11 नवंबर-बद्दी (हिमाचल)-197


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