बेड बन जाती है सीट... चीन के लिए एअर इंडिया शुरू करेगा 'स्पेशल' फ्लाइट; इन शहरों के बीच मिलेगी सेवा
एयर इंडिया 1 फरवरी, 2026 से दिल्ली और शंघाई के बीच सीधी उड़ान सेवा फिर से शुरू करेगी। कोविड के कारण 2020 में यह सेवा बंद हो गई थी। इंडिगो ने भी हाल ही में उड़ानें शुरू की हैं। एयर इंडिया बोइंग 787-8 विमान का उपयोग करेगी, जिसमें फ्लैट बेड वाली सीटें हैं। इस उड़ान से दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना है।

खराब संबंधों के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा बंद थी (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवा देने के लिए एक और उड्डयन कंपनी ने घोषणा कर दी है। टाटा समूह की एयर इंडिया ने एक फरवरी, 2026 से दिल्ली और शंघाई के बीच सीधी उड़ान सेवा की फिर से शुरुआत करने का ऐलान किया है। वर्ष 2020 में पहले कोविड और उसके बाद भारत व चीन के खराब संबंधों के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा बंद थी।
पिछले कुछ दिनों के भीतर निजी क्षेत्र की इंडिगो ने दिल्ली व कोलकात से गवांगशू शहर के बीच सीधी उड़ान सेवाओं की शुरुआत की है। एयर इंडिया ने बताया है कि वह पहले दिल्ली व शंघाई और उसके बाद मुंबई व शंघाई के बीच सीधी उड़ानों की शुरुआत करेगी। एयर इंडिया तकरीबन छह वर्षों बाद चीन के लिए उड़ान की शुरूआत करेगी।
फ्लैट बेड में बदलने वाली सीटें
एयर इंडिया समूह के लिए शंघाई 48वां अंतरराष्ट्रीय शहर होगा जिसके लिए वह भारत से सीधी सेवा देगी। दिल्ली व शंघाई के बीच हफ्ते में चार दिनों की उड़ान होगी और माना जा रहा है कि इसे रोजाना में भी तब्दील कर दिया जाएगा। एयर इंडिया इस रूट पर बोइंग 787-8 एयरक्राफ्ट विमान का इस्तेमाल करेगी जिसमें 18 सीटें ऐसी होती हैं जो पूरी तरह से फ्लैट बेड में बदल जाती हैं।
एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैम्पवेल विल्सन ने कहा है कि यह सिर्फ एक नए शहर को उड़ान से जोड़ना भर नहीं है बल्कि दो महान, प्राचीन सभ्यताओं और आधुनिक आर्थिक शक्तियों के बीच पुल का निर्माण करना भी है। इस सीधी उड़ान से दोनों देशों के बीच फार्मा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में सहयोग के और प्रगाढ़ होने की संभावना है।
सनद रहे कि इस साल पीएम नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिग के बीच हुई मुलाकात में रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए सीधी उड़ान सेवाओं की फिर से शुरुआत करने पर सहमति बनी थी। तकरीबन साढ़े पांच वर्षों के तनाव के बाद भारत और चीन की सरकारों के बीच संबंधों में तनाव को दूर करने की गंभीर कोशिश हो रही है।

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