ये कैसी भूल? कोलकाता एयरपोर्ट पर 'लावारिस' पड़ा था एअर इंडिया का विमान, 13 साल बाद आई याद
पिछले 13 सालों से कोलकाता एयरपोर्ट पर खड़ा एयर इंडिया का बोइंग 737-200 विमान बेकार हो रहा था। अब इसे 1900 किलोमीटर की अंतिम यात्रा पर भेजा गया है, लेकिन रनवे से नहीं, बल्कि सड़क मार्ग से। 43 साल पुराना यह विमान कंपनी के रिकॉर्ड से भी गायब था। अब पता चलने पर इसे बेंगलुरु भेजा गया। जहां इसका उपयोग ट्रेनिंग के लिए किया जाएगा।

कोलकाता एयरपोर्ट पर 13 साल से खड़ा एयर इंडिया का बोइंग 737 (फोटो- 'X')
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 13 साल से कोलकाता एयरपोर्ट में खड़ा एयर इंडिया का बोइंग 737‑200 विमान खड़े खड़े बेकार हो रहा था। जिसे अब आखिरी सफर पर 1900 किलोमीटर के लिए रवाना किया गया। लेकिन उसने रनवे से नहीं बल्कि रोडवेज से ले जाया गया।
दरअसल, इसे मानवीय भूल कहें या कोई प्रशासनिक चूक, एक अच्छा खासा भला चंगा बोइंग विमान कोलकाता एयरपोर्ट रखे रखे खराब हो गया। 43 साल पुराना ये एयरक्राफ्ट बहीखातों से भी गायब था? अब जब उसके बारे में पता चला है कि यह विमान एयर इंडिया का है तो इसे आखिरी सफर के लिए रवाना किया गया।
43 सल पुराना है विमान
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक,एयर इंडिया के पास 43 साल पुराना विमान कोलकाता हवाई अड्डे पर खड़ा था, लेकिन इसके बारे में किसी को भनक तक नहीं थी। हैरानी की बात यह है कि बोइंग 737 एकलौता ऐसा विमान था जिसे प्रैट एंड व्हिटनी इंजन के साथ बेचा गया था। एयर इंडिया ने बाकी 9 बेकार विमानों का बिना इंजन के ही निपटान कर दिया था।
13 साल बाद आया ध्यान
एयर इंडिया ने अपने हैंगर में एक एयरक्राफ्ट रखा और उसे भूल गया। अब 13 साल बाद उसे ख्याल आया है कि हवाई अड्डे पर एक विमान खड़ा है। हालांकि, अब एयर इंडिया को इसकी जरुरत नहीं है। यह विमान 14 नवंबर को कोलकाता से बेंगलुरू के लिए भेजा गया। जहां इसका इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए किया जाएगा।
बहीखातों से भी हो गया था गायब
यह घटना वास्तव में हैरान करने वाली है। क्योंकि बोइंग 737 का निपटान असामान्य है। इसके बारे में हमें हाल ही में पता चला था कि ये हमारा है। सबसे खास बात यह है कि तीन साल पहले निजीकरण के दौरान ये विमान कंपनी के बहीखातों से गायब हो गया था। बोइंग की तरफ उनका ध्यान तब गया जब कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने इसकी ओर इशारा किया।
जिसके बाद कोलकाता हवाई अड्डे पर 13 साल से लावारिस पड़े बोइंग 737-200 विमान को आखिरकर परिसर से बाहर निकाला गया। विमान को ट्रैक्टर-ट्रेलर पर बेंगलुरु ले जाया गया, जहां अब इसका इस्तेमाल मेंटीनेंस इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा।

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